Mukhtar Ansari: माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को गाजीपुर के मोहम्मदाबाद स्थित कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. प्रशासन के द्वारा सिर्फ परिवार के लोगों को ही मिट्टी देने की इजाजत दी गई. बता दें कि मुख्तार अंसारी की गुरुवार को मौत हो गई थी. मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया गया. बांदा मेडिकल कॉलेज में मुख्तार का पोस्टमार्टम हुआ, जिसके बाद बेटे उमर अंसारी के साथ गाजीपुर लाया गया. मुख्तार की मौत के बाद गाजीपुर और मऊ समेत पूरे उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट है. पुलिस ने सभी जिलों में पहरा बढ़ा दिया है.
मुख्तार अंसारी के जनाजे में समर्थकों की भारी भीड़ देखने को मिली. हालांकि, उसके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए बाहर से आए लोगों को कब्रिस्तान के अंदर नहीं जाने दिया गया. मौके पर डीएम सहित प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद थे और लोगों को कब्रिस्तान के अंदर जाने से रोका जा रहा था.
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कड़ी सुरक्षा के बीच हुई जनाजे की नमाज
समर्थकों की भारी भीड़ और कड़ी सुरक्षा के बीच मुख्तार अंसारी के जनाजे की नमाज हुई. इसके बाद सुपुर्द-ए-खाक के लिए जनाजे को कब्रिस्तान में ले जाया गया. इस दौरान मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी आए हुए लोगों से अपील कर रहे थे कि वो कब्रिस्तान के अंदर जाने की कोशिश ना करें. जनाजे की नमाज में आए लोग मुख्तारी अंसारी की कब्र पर मिट्टी डालना चाहते हैं. वहीं मुख्तार अंसारी के अंतिम संस्कार के दौरान उनके समर्थकों द्वारा कब्रिस्तान में प्रवेश करने के लिए बैरिकेडिंग तोड़ने से अफरा-तफरी मच गई.
#WATCH ग़ाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश: गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के अंतिम संस्कार के दौरान उनके समर्थकों द्वारा कब्रिस्तान में प्रवेश करने के लिए बैरिकेडिंग तोड़ने से अफरा-तफरी मच गई। pic.twitter.com/xUe5TkIriq
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 30, 2024
बता दें कि बांदा मेडिकल कॉलेज में मुख्तार का पोस्टमार्टम हुआ, जिसके बाद बेटे उमर अंसारी के साथ गाजीपुर लाया गया. मुख्तार की मौत के बाद गाजीपुर और मऊ समेत पूरे उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट है. पुलिस ने सभी जिलों में पहरा बढ़ा दिया है.
17 साल से जेल में बंद था मुख्तार अंसारी
हत्या, रंगदारी जैसे कई अपराधों में दोषी मुख्तार अंसारी का जन्म गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद में हुआ था. मुख्तार के पिता का नाम सुबहानउल्लाह अंसारी और मां का नाम बेगम राबिया था. गाजीपुर में मुख्तार अंसारी के परिवार की पहचान एक राजनीतिक परिवार की है. 17 साल से ज्यादा वक्त से जेल में बंद रहे मुख्तार अंसारी के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता सेनानी थे. गांधी जी के साथ काम करते हुए वह 1926-27 में कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे. मुख्तार के नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को 1947 की लड़ाई में शहादत के लिए महावीर चक्र से नवाजा गया था.