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“BJP के लोगों के फायदे के लिए लाया गया है बिल”, नजूल भूमि विधेयक को लेकर अखिलेश ने सीएम योगी को घेरा

Nazul Land Bill

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव

Nazul Land Bill: विधानसभा से उत्तर प्रदेश  नजूल संपत्ति विधेयक के पास होने के बाद उठे विवाद ने समाजवादी पार्टी को एक और बड़ा मुद्दा दे दिया है. अखिलेश यादव ने अब सरकार की चुटकी ली है. अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहा, “नज़ूल भूमि विधेयक दरअसल भाजपा के कुछ लोगों के व्यक्तिगत फायदे के लिए लाया जा रहा है, जो अपने आसपास की ज़मीन को हड़पना चाहते हैं.”

अखिलेश बोले- आशा है सीएम योगी ऐसे किसी…

सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा, ” गोरखपुर में ऐसी कई जमीने हैं, जिन्हें कुछ लोग अपने प्रभाव क्षेत्र के विस्तार के लिए हथियाना चाहते हैं. आशा है मुख्यमंत्री स्वत: संज्ञान लेते हुए ऐसे किसी भी मंसूबे को कामयाब नहीं होने देंगे, खासतौर से गोरखपुर में.” इतना ही नहीं, अखिलेश ने आगे कहा, “सीएम योगी दिल्ली का गुस्सा लखनऊ में उतार रहे हैं. उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है. उनकी प्रतिष्ठा को ठेस किसने पहुंचाई?”

वहीं, जनसत्ता दल के नेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने कहा कि किन अधिकारियों ने फीडिंग की, यह समझ से परे है. अगर, अंग्रेज फ्री होल्ड कर सकते हैं तो ये जनहितकारी सरकार क्यों नहीं कर सकती.”

पीएम मोदी लोगों को आवास दे रहे हैं, आप गिरा देंगे: बीजेपी विधायक

बता दें कि नजूल भूमि विधेयक को लेकर योगी सरकार का विरोध न सिर्फ विपक्षी पार्टियां कर रही हैं बल्कि योगी के करीबी विधायकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जब विधानसभा से नजूल भूमि विधेयक 2024 को पास कराया जा रहा था, तब भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा, “जिन लोगों की लीज लंबे समय से चली आ रही है, उनकी लीज रिन्यू किए जाने का प्रावधान विधेयक में होना चाहिए. वहीं, प्रयागराज से भाजपा विधायक हर्षवर्धन वाजपेई ने कहा कि पीएम मोदी लोगों को आवास दे रहे हैं, आप गिरा देंगे. जो लोग नजूल भूमि में पहले से रहे हैं, उसको फ्री होल्ड किया जाए.

विधान परिषद में अटका मामला

बता दें कि योगी सरकार के विरोध में भूपेंद्र चौधरी भी उतरे. चौधरी के प्रस्ताव पर विधेयक को प्रवर समिति को सौंप दिया गया.  अब मामला प्रवर समिति के पास है. इस पर कम से कम दो महीने बाद रिपोर्ट आएगी. उसके बाद ही विधान परिषद से बिल पास हो सकेगा. तब तक नजूल भूमि बिल ठंडे बस्ते में चला गया है.

नजूल विधेयक का मोदी सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी विरोध किया था. उन्होंने X पोस्ट में लिखा था, “बिना व्यापक विमर्श के लाया गया ये विधेयक न सिर्फ गैर जरूरी है. बल्कि लोगों की भावनाओं के खिलाफ है. यूपी सरकार को इसे तत्काल वापस लेना चाहिए. जिन अफसरों ने गुमराह किया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.”

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विधेयक में ऐसा क्या है?

गौरतलब है कि इस विधेयक के मुताबिक, यूपी सरकार अब नजूल की जमीन को लीज पर नहीं देगी. लीज खत्म होने के बाद पट्टेधारकों को बेदखल कर दिया जाएगा और नजूल की जमीन पर कब्जा कर लिया जाएगा. यूपी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति विधेयक-2024 को विधानसभा में पारित कराने के बाद योगी सरकार ने इसे विधान परिषद से भी पारित कराने की तैयारी की थी. लेकिन विधान परिषद में मामला अटक गया है.

क्या होती है नजूल भूमि?

बताते चलें कि अंग्रेज हुकूमत आजादी से पहले जमीनों को अपने कब्जे में ले लिया करती थी. देश जब आजाद हुआ और बरतानिया हुकूमत को यहां से लौटना पड़ा तो जब्त की गई वही भूमि नजूल कही जाने लगी. आजादी के बाद नजूल जमीन पर सरकार का कब्जा हो गया. राज्य सरकारें नजूल जमीन को लीज पर देने लगी. लीज की मियाद 15 से 99 साल के बीच हो सकती है. अब योगी सरकार जो बिल लेकर आई है उसके मुताबिक, अब लीज के रिन्यू नहीं किया जाएगा. मसलन कई जगहों पर नजूल की जमीन पर रहने वाले लोगों से आवास छिन सकता है.

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