UP Vidhan Sabha Monsoon Session: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन आज मंगलवार को लव जिहाद से जुड़ा बिल पास हो गया है. राज्य सरकार द्वारा लाए गए इस बिल में अब आरोपियों को उम्र कैद की सजा का प्रावधान है. इस कानून में कई अपराधों की सजा बढ़ाकर दोगुनी कर दी गई है. लव जिहाद के तहत कई नए अपराध को भी इस बिल में जोड़ दिया गया है. गौरतलब है कि सत्र के पहले दिन सोमवार को योगी सरकार ने इससे जुड़ा विधेयक सदन में पेश किया था.
यूपी में लव जिहाद से जुड़े कानून पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा से क्या उम्मीद करोगे. ये नौकरी नहीं देगी. ये हारी भी इसलिए ही है क्योंकि इन्होंने नौकरी नहीं दी. ये जो कांवड़ में तख्ती लगवाई थी, ये जो काम कर रहे हैं, ये फिर हारने जा रहे हैं. सांप्रयदायिकता का दिया बुझने से पहले फड़फड़ा रहा है. इस देश से सांप्रदायिकता की राजनीति खत्म होने जा रही है.
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विधानसभा से पास हुए नए बिल में क्या है प्रावधान?
1. नए कानून में दोषी पाए जाने पर 20 साल की कैद या आजीवन कारावास का प्रावधान है
2. अब कोई भी व्यक्ति धर्मांतरण के मामलों में एफआईआर दर्ज करा सकता है.
3. पहले मामले में सूचना या शिकायत देने के लिए पीड़ित, माता-पिता या भाई-बहन की मौजूदगी जरूरी थी.
4. लव जिहाद के मामलों की सुनवाई सत्र न्यायालय से नीचे की कोई अदालत नहीं करेगी.
5. लव जिहाद के मामले में सरकारी वकील को मौका दिए बिना जमानत याचिका पर विचार नहीं किया जाएगा.
6. इसमें सभी अपराधों को गैर-जमानती बनाया गया है.
लव जिहाद के खिलाफ 2020 में पहला कानून
बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने लव जिहाद के खिलाफ पहला कानून 2020 में बनाया था. इसके बाद यूपी सरकार ने विधानसभा में धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 पारित किया. इस विधेयक में 1 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान था. इस विधेयक में यह प्रावधान था कि सिर्फ शादी के लिए किया गया धर्म परिवर्तन अमान्य माना जाएगा.