Ram Mandir: वो त्रेता युग था, ये नेता युग है. वो मर्यादा पुरुषोत्तम का युग था, ये घोर कलयुग है. वो दौर ऋषि प्रधान देश था, ये कुर्सी प्रधान देश का है. लेकिन इन सब के बीच शुक्रवार को जैसे ही राम मंदिर में विराजमान की जाने वाली श्री रामलला की पहली तस्वीर सामने आई, मूर्ति को लेकर सुर्खियों का बाजार गर्म हो गया. मूर्ति का विश्लेषण अलग-अलग रूप में किया जाने लगा. 200 किलोग्राम वजन वाले इस मूर्ति में भगवान राम वाला तेज भी है और बच्चों वाली मासूमियत भी झलक रही है.
श्याम रंग की है मूर्ति
मूर्तिकार अरुण योगिराज ने रामलला की इस सुंदर मूर्ति का निर्माण किया है. कर्नाटक के रहने वाले अरुण कई सालों से मूर्ति बनाने का काम कर रहे हैं. तस्वीर में रामलला सौम्य मुद्रा में दिख रहे हैं. रामलला की मूर्ति श्याम शिला से बनी हुई है, साथ ही इसकी खास बात यह है कि इसकी आयु हजारों साल होती है, यह जलरोधी भी है. मूर्ति का वजन 200 किलोग्राम है साथ ही प्रतिमा की चौड़ाई 3.3 फीट है.
प्रतिमा में भगवान विष्णु के सभी दशावतार
4. 24 फीट ऊंचाई वाली इस प्रतिमा में भगवान विष्णु के सभी दशावतारों को उकेरा गया है. प्रतिमा में राम भक्त हनुमान की मूर्ति भी उकेरी गई है. साथ ही प्रतिमा में भगवान विष्णु के वाहन गरूड़ देव को भी उकेरा गया है. वहीं ललाट पर स्वस्तिक, सूर्य, चक्र, गदा और ओम उकेरा गया है.
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आपको बताते चलें कि मूर्तिकार अरुण योगिराज ने कहा कि प्रतिमा का चयन होना ही काफी नहीं है. जब दर्शन करने वालों की आंखों में प्रसन्नता दिखेगी, तभी उन्हें असली खुशी मिलेगी. केदारनाथ में स्थापित आदि शंकराचार्य की प्रतिमा भी मूर्तिकार अरुण योगिराज ने ही बनाई थी.