Akhilesh Yadav On Lok Sabha: संसद के चालू मॉनसून सत्र के सातवें दिन आज दोनों सदनों में आम बजट और केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के बजट पर चर्चा हुई. इस दौरान सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि इस सरकार का ये लगातार 11वां बजट है. 11वें बजट के बाद भी केवल नाउम्मीदगी दिखाई दे रही है. जो चेहरों पर खुशी होनी चाहिए थी सरकार बनने के बाद, उतनी खुशी नहीं दिखाई दी. 11वें बजट में गांव, गरीब के लिए जो तकलीफ के मुद्दे हैं, वो नौ दो ग्यारह दिखाई दे रहा है.
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि महंगाई में घर चलाना परिवार वाले बखूबी जानते हैं. सत्ता पक्ष के लोगों के जब आंकड़े देखता हूं, अगर इतना सबकुछ अच्छा हुआ है तो आप हंगर इंडेक्स में कहां खड़े हैं. आपने बड़ा सपना दिखाया मेक इन इंडिया. उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा सांसद आते हैं, हमें कोई बड़ा प्रोजेक्ट नहीं मिला. प्रधानमंत्री जी मिले हैं हमें. कोई आईआईएम मिला हो, कोई आईआईटी मिली हो. मेडिकल के क्षेत्र में कोई बड़ी संस्था आई हो.
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पीएम मोदी पर अखिलेश ने कसा तंज
भारतीय जनता पार्टी पर तंज कसते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी के जो परिणाम हैं, हारे हैं ये. प्रधानमंत्री जो पांच लाख वोट से जीतते थे, 10 लाख का टार्गेट था, कितने से जीते हैं? इतना काम किया होता तो क्या ऐसे नतीजे आते. पीडीए आज कहां खड़ा है. अखिलेश ने आगे कहा कि इन्हें सबसे ज्यादा दर्द इसलिए है कि उत्तर प्रदेश में जबसे हारे हैं कोई नमस्कार नहीं कर रहा है.
अखिलेश ने कहा कि सपा सरकार की इंडस्ट्रीज को लेकर जो पॉलिसी थी, हमने नोएडा में जमीन दी और मोबाइल बन नहीं रहा. उन्होंने तंज करते हुए कहा कि बिना जमीन के हवा में बना दो तो अलग बात है. अखिलेश ने कहा कि डबल इंजन की सरकार है. लखनऊ में भी आपकी सरकार है, दिल्ली में भी आपकी सरकार है. ऐसा क्यों हो रहा है. उन्होंने कहा कि रेल एक्सीडेंट की खबर मिली. ऐसा लग रहा है कि रेल एक्सीडेंट और पेपर लीक में कॉम्पिटिशन चल रहा है कि कौन आगे निकल रहा है.
यूपी को क्यों नहीं मिला एक्सप्रेसवे?
बिहार के बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस-वे का का जिक्र करते हुए अखिलेश ने कहा, अच्छी बात है. आपने यूपी को एक्सप्रेसवे क्यों नहीं दिया. बुंदेलखंड का एक एक्सप्रेसवे यूपी सरकार ने बनाया, प्रधानमंत्री ने उद्घाटन किया था. 15 हजार करोड़ रुपये से बना. रिपेयर का पैसा कौन देगा. ये एक्सप्रेसवे का भी मुनाफा नहीं हो रहा. इसको अगर आप सतना तक कर दें और इधर हरिद्वार तक तो लाभ होगा.