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SP Candidates List: लोकसभा चुनाव के लिए सपा ने जारी की तीसरी लिस्ट, बदायूं से अब धर्मेंद्र नहीं शिवपाल लड़ेंगे चुनाव

SP Candidates List

शिवपाल यादव व अखिलेश यादव

SP Candidates List: लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई समाजवादी पार्टी ने पांच प्रत्याशियों की तीसरी सूची जारी कर दी है. इस लिस्ट में सबसे खास बात ये है कि बदायूं से धर्मेंद्र यादव की जगह पर अब शिवपाल सिंह यादव को उम्मीदवार बनाया गया है. समाजवादी पार्टी ने पहली लिस्ट में 16 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया था, तब धर्मेंद्र यादव को बदायूं से उम्मीदवार बनाया था. लेकिन अब तीसरी लिस्ट में सपा ने धर्मेंद्र की जगह शिवपाल सिंह यादव को प्रत्याशी बनाया है.

सपा की तीसरी लिस्ट में कैराना से इकरा हसन को उम्मीदवार बनाया गया है. बरेली से प्रवीण सिंह ऐरन को उम्मीदवार बनाया है. वहीं हमीरपुर से अजेंद्र सिंह राजपूत व वाराणसी से सुरेंद्र सिंह पटेल को उम्मीदवार बनाया गया है. अखिलेश यादव की अगुवाई वाली सपा ने उम्मीदवारों की अब तक तीन लिस्ट जारी की है, जिसमें 80 लोकसभा सीटों में 32 पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं.

कांग्रेस के साथ नहीं बन पा रही बात!

सपा की लिस्ट जारी होने के बीच ये भी खबरें हैं कि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच सीटों पर सहमति नहीं बन पा रही है. हालांकि, इसको लेकर दोनों तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. जबकि समाजवादी पार्टी कल से लेकर दो लिस्ट जारी कर चुकी है. ऐसे में संकेत मिल रहे हैं कि सपा सीटों को लेकर कोई समझौता करने के मूड में नहीं है और वो 17 से अधिक या जिन सीटों पर राजी है, उससे इतर कांग्रेस के लिए सीटें नहीं छोड़ेगी.

दूसरी तरफ, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन को लेकर भी उस वक्त सुगबुगाहट तेज हो गई, जब रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया से मिलने समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल पहुंच गए. सूत्रों के मुताबिक, नरेश उत्तम पटेल ने राजा भैया की अखिलेश यादव से बात कराई है. वहीं सूत्रों का ये भी दावा है कि सपा की तरफ से राजा भैया को 5 सीटें ऑफर की गई हैं.

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सपा को सहयोगी की तलाश

राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा है कि जिस तरह से जयंत सिंह ने अखिलेश यादव का साथ छोड़ा, उसके पहले ओपी राजभर ने भी पाला बदल लिया था और कांग्रेस के साथ भी बात बनती नहीं दिख रही है, ऐसे में समाजवादी पार्टी को किसी सहयोगी की तलाश है. देखना दिलचस्प होगा कि राजा भैया के रूप में क्या उनको नया सहयोगी मिल पाता है या फिर नरेश उत्तम और राजा भैया की मुलाकात महज औपचारिक बनकर ही रह जाती है.

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