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संभल हिंसा में बाहरी लोग शामिल! गुमनाम पत्रों से सामने आया चौंकाने वाला सच, अब नए एंगल से जांच में जुटी पुलिस

Sambhal Violence

संभल हिंसा के बाद की तस्वीर

Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल में हाल ही में हुई हिंसा ने राज्य की सुरक्षा व्यवस्था को एक नई दिशा में मोड़ा है. पुलिस अब इस हिंसा की गुत्थी सुलझाने के लिए नये सुरागों का पीछा कर रही है. इस बार पुलिस के हाथ कुछ पत्र लगे हैं, जिसमें हिंसा में शामिल लोगों के बारे में अहम जानकारी है. इसके आधार पर दावा किया जा रहा है कि संभल हिंसा में बाहर के लोगों का भी हाथ था.

गुमनाम पत्रों से मिली जानकारी

पुलिस को 40 से अधिक गुमनाम पत्र मिले हैं, जिनमें हिंसा में शामिल लोगों के बारे में जानकारी दी गई है. इन पत्रों में जानकारी दी गई है कि हिंसा के दौरान संभल में बाहरी इलाकों से लोग आए थे. विशेषकर हापुड़, बुलंदशहर, रामपुर, मुरादाबाद और अमरोहा जैसे इलाकों के लोग हिंसा में भाग लेने के लिए संभल पहुंचे थे. एक पत्र में यह भी दावा किया गया है कि हिंसा की योजना रात 3 बजे से शुरू हुई थी.

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस अब इन पत्रों से प्राप्त जानकारी के आधार पर अपनी जांच को आगे बढ़ा रही है. पांच अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है, जो इन संदिग्ध इलाकों से संबंधित सबूत इकट्ठा कर रही हैं. इसके अलावा, पुलिस ने 200 लोगों के कॉल डिटेल्स भी निकाले हैं और उनकी हरकतों की जांच की जा रही है, ताकि यह पता चल सके कि हिंसा के दिन उनकी गतिविधियां क्या थीं. अब तक पुलिस ने 15 संदिग्धों को हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है.

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हिंसा में हुई थी 4 लोगों की मौत

संभल में हिंसा की शुरुआत पिछले महीने हुई थी, जब शाही जामा मस्जिद के आसपास एक प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई. यह मस्जिद 16वीं शताब्दी की है और इस पर विवाद चल रहा है. हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए.

हिंसा के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने कई कड़े कदम उठाए थे. सबसे पहले, इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया और सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया. इसके अलावा, सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में मस्जिद के पास चप्पलें, पत्थर और ईंटें बिखरी हुई थीं. इस हिंसा के बाद पुलिस ने कई मामले दर्ज किया है और जांच जारी है.

संभल हिंसा का मामला अब न केवल स्थानीय बल्कि राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बन चुका है. पुलिस की जांच इन गुमनाम पत्रों और अन्य सबूतों के आधार पर आगे बढ़ रही है, और उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही इस मामले में सच्चाई सामने आएगी.

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