Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. यहां सूरजपाल जाटव उर्फ भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ 121 जिंदगियां लील गईं. इस बीच भगदड़ मामले को लेकर विशेष जांच दल (SIT) ने सरकार को करीब 300 पन्नों की जांच रिपोर्ट सौंप दी है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि सत्संग का आयोजन करने वाली समिति ने तय संख्या से अधिक लोगों को बुलाया और पर्याप्त व्यवस्था नहीं की. हालांकि इस रिपोर्ट में बाबा सूरजपाल का जिक्र नहीं है. जानकारी के मुताबिक, एसआईटी ने अपनी करीब 300 पन्नों की रिपोर्ट में 119 लोगों के बयान दर्ज किए हैं. इनमें हाथरस के जिलाधिकारी आशीष कुमार, पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल से लेकर सत्संग की अनुमति देने वाले एसडीएम और सीओ सिकंदराराऊ तथा दो जुलाई को सत्संग की ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों के बयान शामिल हैं. इसके अलावा मृतकों के परिजनों और घायल श्रद्धालुओं के भी बयान दर्ज किए गए हैं.
हाथरस हादसे में SIT ने सौंपी करीब 300 पेज की रिपोर्ट,आयोजन कराने वाली कमेटी और प्रशासन पर उठाए सवाल #UPNews #HathrasCase #HathrasStampede #SIT #VistaarNews pic.twitter.com/ATW0OBMOFy
— Vistaar News (@VistaarNews) July 9, 2024
सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट में अफसरों के द्वारा सत्संगस्थल का निरीक्षण नहीं करने को भी हादसे की बड़ी वजह बताया गया है. बता दें कि इस एसआईटी में एडीजी आगरा जोन अनुपम कुलश्रेष्ठ और अलीगढ़ कमिश्नर चैत्रा वी शामिल थीं.
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गौरतलब है कि हाथरस के सिकंदराराऊ अंतर्गत फुलरई गांव में मंगलवार (2 जुलाई) को सूरजपाल जाटव उर्फ भोले बाबा के संगठन की ओर से सत्संग का आयोजन किया गया था. इस दौरान भगदड़ मचने से 121 लोगों की जान चली गई. पुलिस ने मामले में बाबा के सात सेवादारों और सत्संग के आयोजकों को गिरफ्तार किया है. वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ ने हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है.
राहुल ने CM को पत्र लिखकर की ये मांग
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने रविवार (7 जुलाई) को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखा था. मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में गांधी ने पीड़ितों को ज्यादा मुआवजा देने की अपनी मांग को दोहराया था और इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा दिए जाने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जो मुआवजा घोषित किया गया है, वह बहुत अपर्याप्त है.