Bhupendra Chaudhary Resignation: लोकसभा चुनाव के नतीजों में बीजेपी को बहुमत हासिल नहीं हुआ है. हालांकि एनडीए को बहुमत हासिल हुआ है और नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) संसदीय दल के नेता चुने गए हैं, जिसके बाद वे 9 जून को लगातार तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ले सकते हैं. इस चुनाव में भाजपा को सबसे ज्यादा नुकसान उत्तर प्रदेश (UP Lok Sabha Election) में हुआ है, जहां पार्टी केवल 33 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी. वहीं अपना दल (एस) को एक सीट और आरएलडी को दो सीटों पर जीत मिली. वहीं इस हार के बीच खबर आ रही है कि उत्तर प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने इस्तीफे की पेशकश की है.
भाजपा एक ओर जहां यूपी की 80 सीटों पर जीत के दावे कर रही थी. लेकिन NDA में मात्र 36 सीटों पर सिमट गई और पार्टी को बड़ा नुकसान हो गया. पार्टी को अयोध्या जैसी प्रतिष्ठित सीट भी गंवानी पड़ी तो कई मंत्रियों को भी हार का सामना करना पड़ा, जिसमें स्मृति ईरानी और अजय मिश्रा टेनी से लेकर संजीव बालियान जैसे नेता भी शामिल हैं. अब इस हार के बाद आलाकमान सख्त है और जौनपुर और सुल्तानपुर, मैनपुरी समेत कई जिले के बीजेपी जिला अध्यक्ष हटाए जा सकते हैं. पार्टी के खराब परफॉर्मेंस की वजह से कई जिला अध्यक्षों की कुर्सी जाने की भी चर्चा है.
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साक्षी महाराज-निरंजन ज्योति ने लगाए आरोप
दूसरी तरफ, हारे हुए नेताओं ने पार्टी के भीतर भीतरघात का मामला उठाते हुए इसकी समीक्षा किए जाने की बात कही है, जिससे सियासी माहौल गर्म है. उन्नाव से साक्षी महाराज लगातार तीसरी बार जीते हैं लेकिन उनकी जीत का अंतर काफी कम हो गया है. उन्होंने पार्टी के भीतर के कुछ ‘गद्दार’ और ‘आस्तीन के सांप’ को जिम्मेदार ठहराया है. साक्षी महाराज ने कहा कि कुछ गद्दारों ने गद्दारी की है.
नतीजों की होनी चाहिए समीक्षा- बृजभूषण सिंह
वहीं, फतेहपुर से चुनाव हार चुकीं केंद्रीय मंत्री निरंजन ज्योति ने भी पार्टी के भीतर के कुछ लोगों के द्वारा भीतरघात करने का दावा किया है. उन्होंने भी भीतरघात को अपनी हार का जिम्मेदार बताया है. इसके अलावा बृजभूषण शरण सिंह ने भी कहा है कि इस हार की समीक्षा होनी चाहिए. हालांकि उनके बेटे कैसरगंज से चुनाव जीतने में सफल रहे. बृजभूषण शरण सिंह का कहना है कि पूरे प्रदेश में बीजेपी को कम सीटें क्यों मिली, इसकी समीक्षा की जानी चाहिए.