UP BY Election: उत्तर प्रदेश की सीसामऊ सीट पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी नसीम सोलंकी इन दिनों सुर्खियों में बनी हुई हैं. दरअसल, हालिया नसीम सोलंकी ने वनखंडेश्वर मंदिर में पूजा की थी, जिससे हिंदू संगठन ही नहीं बल्कि मुस्लिम धर्मगुरु भी आक्रोशित हो गए थे. अब इस मामले में लेटेस्ट अपडेट सामने आया है. मंदिर ट्रस्ट ने हरिद्वार से लाये गंगाजल से मंदिर का किया शुद्धीकरण किया है.
ट्रस्ट के अनुसार, इस पूजा से मंदिर के पवित्र स्थल का राजनीतिक उद्देश्य से उपयोग हुआ, जो धार्मिक मर्यादा के खिलाफ है. मंदिर के पुजारी ने कहा कि यदि दूसरे धर्म के अनुयायियों को पूजा करनी थी तो पहले अनुमति लेनी चाहिए थी.
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नसीम सोलंकी के खिलाफ फतवा जारी
नसीम सोलंकी के वनखंडेश्वर मंदिर में पूजा के बाद मुस्लिम धर्मगुरु मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने इसे इस्लाम के खिलाफ बताया और उनके खिलाफ फतवा जारी किया था. सोलंकी के खिलाफ फतवा जारी होने के बाद मंदिर के पुजारी ने कहा, “अगर उनके धर्म वालों को इतनी दिक्कत है, तो उन्हें पहले उनसे इजाजत लेकर आना चाहिए था. उनके मौलवी ने जिस तरीके से हमारे धर्म का अपमान किया है और बातें कहीं है और राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की वजह से इस मंदिर का इस्तेमाल किया गया है, इससे हमारा मंदिर अपवित्र हो गया है.
गंगाजल छिड़क मंदिर का किया गया शुद्धिकरण
मौके से पुजारी और अन्य लोगों द्वारा मंदिर के अलग-अलग हिस्सों में गंगाजल का छिड़काव करते हुए देखा गया. इससे पहले भाजपा विधायक सुरेंद्र मैथानी ने नसीम के मंदिर जाने पर सवाल उठाते हुए इसे चुनावी ढोंग बताया है. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के इस प्रयास से हिंदू वोटरों को भ्रमित नहीं किया जा सकता और सीसामऊ में जीत भाजपा की होगी.
डिप्टी सीएम ने साधा निशाना
वहीं इस मामले पर उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि सपा प्रत्याशी नसीम सोलंकी अपने पति पूर्व विधायक इरफान के पापों का प्रायश्चित करने भोले के चरणों में गईं, लेकिन इससे भोले बाबा उन्हें माफ नहीं कर देंगे. अपने पति के पापों का प्राश्चित करने है तो जिस गरीब महिला की झोपड़ी जलाई थी, उससे माफी मांगे.