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UP Cabinet Meeting: विधानसभा उपचुनाव के लिए सीएम योगी ने बनाई टीम ‘सुपर 30’, दोनों डिप्टी सीएम का नाम गायब!

UP Cabinet Meeting

मंत्रियों के साथ बैठक में मौजूद सीएम योगी की तस्वीर

UP Cabinet Meeting: उत्तर प्रदेश बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं है. सीएम योगी के डिप्टी ने एक ऐसी लकीर खींच दी है, जिससे बगावत के संकेत मिल रहे हैं. बात अब संगठन और सरकार तक आ पहुंची है. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कार्यसमिति की बैठक में साफ तौर पर कह दिया था कि कोई भी सरकार संगठन से बड़ा नहीं है. इस बीच अब सीएम योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में कैबिनेट की अहम बैठक बुलाई.

टीम में 30 मंत्रियों को मिली जगह

इस बैठक में यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर एक टीम बना दी है. इस टीम में 30 मंत्रियों को जगह मिली है. खास बात यह है कि इस टीम में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक को जगह नहीं मिली है. इस टीम को विधानसभा उपचुनाव के लिहाज से बनाया गया है. प्रत्येक सदस्य को अहम जिम्मेदारी दी गई है. प्रत्येक विधानसभा के लिए 3 मंत्रियों का नाम तय किया गया है.

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केशव प्रसाद मौर्य ने शीर्ष नेतृत्व से की मुलाकात

गौरतलब है कि मंगलवार को उत्तर प्रदेश के बीजेपी चीफ चौधरी भूपेंद्र सिंह और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बीजेपी शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने संगठन और सरकार की जानकारी दी थी. बैठक के बाद केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर कहा था कि कार्यकर्ताओं का दर्द मेरा दर्द है. इस बीच अब सीएम योगी ने कैबिनेट मीटिंग बुलाकर अपने मंत्रियों को विधानसभा उपचुनाव की जिम्मेदारी दे दी है.

“संगठन सरकार से बड़ा था, बड़ा है और हमेशा बड़ा रहेगा”

बताते चलें कि सीएम योगी के डिप्टी केशव प्रसाद मौर्य ने प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के बाद कहा था, “संगठन सरकार से बड़ा था, बड़ा है और हमेशा बड़ा रहेगा. सपा और कांग्रेस ने ‘सांपनाथ’ और ‘नागनाथ’ के रूप में झूठ बोलकर और धोखा देकर हमें कुछ समय के लिए पीछे धकेल दिया है. लेकिन 2027 में हम फिर से 300 सीटें पार करने के लक्ष्य के साथ राज्य में भाजपा की सरकार बनाएंगे.” अब बयानबाजी को देखकर राजनीति के जानकारों का कहना है कि मौर्य ने यूपी में एक ऐसी लकीर खींच दी है, जिसके बाद उनका योगी के साथ मंत्रिमंडल में रहना मुश्किल हो जाएगा. हालांकि, अब जब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से उनकी मुलाकात हुई है, तो हो सकता है कि उन्हें संगठन में कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल जाए.

 

 

 

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