UP News: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा मामले में बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि गुजरात की कंपनी का पेपर लीक करवाने में हाथ है. इसके साथ ही अखिलेश यादव ने प्रदेश की भाजपा सरकार से कड़े और बड़े फैसले लेने की मांग की है.
‘संपत्ति से खामियाजा वसूलने की हिम्मत दिखाए’
सपा प्रमुख ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “भाजपाइयों की है यही पहचान झूठों को काम, झूठों को सलाम. ये आरोप बेहद गंभीर है कि पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर आयोजित करवाने वाली गुजरात की कंपनी का ही, पेपर लीक करवाने में हाथ है और उसका मालिक जब सफलतापूर्वक विदेश भाग गया, उसके बाद ही यूपी सरकार ने उसके बारे में जनता को बताया और जनता के गुस्से से बचने के लिए दिखाने भर के लिए उस कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया. यूपी सरकार उस कंपनी और उसके मालिक के खिलाफ एफआईआर की कॉपी सार्वजनिक करे. गुजरात भेजकर उसकी संपत्ति से खामियाजा वसूलने की हिम्मत दिखाए.”
अखिलेश यादव ने आगे कहा, “ऐसे आपराधिक लोग यूपी के 60 लाख युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने के दोषी हैं. प्रदेश की भाजपा सरकार साबित करे कि वो इन अपराधियों के साथ है या प्रदेश की जनता के साथ. यूपी में काम करनेवाली हर कंपनी के इतिहास और उसकी सत्यनिष्ठा-गुणवत्ता की जांच की जाए. जब बेईमान और कलंकित कंपनियों को काम दिया जाए तो जनता को समझ लेना चाहिए कि इसमें काम देने वाले सरकार के उस मंत्रालय और उसके विभाग के लोगों की भी हिस्सेदारी है मतलब ‘ये भ्रष्टाचार की साझेदारी’ है.”
‘भाजपाइयों’ की है यही पहचान
झूठों को काम, झूठों को सलामये आरोप बेहद गंभीर है कि पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर आयोजित करवानेवाली गुजरात की कंपनी का ही, पेपर लीक करवाने में हाथ है और उसका मालिक जब सफलतापूर्वक विदेश भाग गया, उसके बाद ही उप्र सरकार ने उसके बारे में जनता को बताया और…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) June 21, 2024
‘हर बाहरी कंपनी की गहन जांच हो’
सपा प्रमुख ने कहा, “इस परीक्षा के आयोजन से संबंधित कंपनी ही नहीं बल्कि हर एक संलिप्त मंत्री या अधिकारी की भी जांच हो और जब तक जांच पूरी न हो जाए, तब तक उसे उसके काम से मुक्त रखा जाए और संलिप्तता सिद्ध होने पर बर्खास्त करके कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाए. हम मांग करते हैं कि उप्र में काम कर रही या काम करने की इच्छुक हर बाहरी कंपनी की गहन जांच हो और सब कुछ सही पाये जाने पर ही काम दिया जाए. ऐसा नहीं करने पर जब काम गलत होता है तो उससे यूपी की छवि को ठेस पहुंचती है और प्रदेश के पैसों की बर्बादी भी होती है. इन सबका खामियाजा आखिर में आम जनता को ही भुगतना पड़ता है.”
‘यूपी की कंपनियों को प्राथमिकता दी जाए’
अखिलेश यादव ने कहा, “साथ ही ये भी मांग है कि यूपी की कंपनियों को प्राथमिकता दी जाए और केवल तभी बाहरी कंपनियों को काम दिया जाए जब यूपी के सरकारी विभागों, निगमों, बोर्डों या स्थानीय कंपनियों के पास कार्य को समय की सीमा में गुणवत्तापूर्वक संपन्न कराने या उतने बड़े काम नहीं करने के अनुभव का अभाव हो. यूपी के आक्रोशित युवा पूछ रहे हैं कि यूपी के बुलडोजर के पास बाहर के राज्यों में जाने का लाइसेंस और साहस है क्या? और ये भी कि जिस मंत्रालय के तहत पुलिस भर्ती परीक्षा हुई थी उसके मंत्री और अधिकारियों की तरफ बुलडोजर मुड़ता भी है या नहीं. यूपी की जनता ये भी याद रखे कि ये वो ही भाजपा सरकार है, जो कल तक ठेके पर पुलिस रखने का फरमान निकाल रही थी. घोर निंदनीय! विभिन्न परीक्षाओं का पेपर लीक होना, सरकार की सत्यनिष्ठा पर सवालिया निशान है.”
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गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सिपाही भर्ती के लिए दिसंबर में 60,255 पदों के लिए वैकेंसी निकाली गई थी. इसमें 40 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने आवेदन किया था. इसके बाद राज्य में 17 और 18 फरवरी को परीक्षा आयोजित की गई थी लेकिन पेपर लीक की वजह से सरकार ने इसे रद्द कर दिया था.