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UP News: ‘सावन से पहले खुले में मांस की बिक्री बंद न हुई तो…’ भाजपा विधायक शलभ मणि की DM को चेतावनी

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UP News: 22 जुलाई से भगवान शंकर का प्रिय महीना सावन शुरू हो जाएगा. इसके साथ ही कांवड़ यात्रा का भी आगाज हो जाएगा. उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन कांवड़ यात्रा की तैयारियों में जुटे हुए हैं. इस बीच देवरिया से भाजपा विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने जिलाधिकारी (डीएम) को पत्र लिखकर खुले में मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. उन्होंने यह भी कहा है कि अगर सावन महीना शुरू होने से पहले रेलवे स्टेशन रोड पर चल रहे अवैध बूचड़खाने और खुले में बिक रहे मांस की दुकानों को बंद नहीं कराया गया तो वह स्वयं इसे बंद कराने के लिए उतरेंगे.

भाजपा विधायक ने पत्र लिखकर कही ये बात

भाजपा विधायक शलभ मणि त्रिपाठी ने देवरिया के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि अधिकारियों को बार-बार इस समस्या से अवगत कराने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही. त्रिपाठी ने कहा कि देवरिया रेलवे स्टेशन के आस-पास बड़ी संख्या में बूचड़खानों का संचालन हो रहा है. साथ ही खुले में मांस की बिक्री भी हो रही है. जिसकी वजह से पूरा इलाका बदबू से भरा रहता है. उन्होंने कहा कि जनपद आने वाले अतिथि जब रेलवे स्टेशन से बाहर निकलते हैं तो दुर्गन्ध व खुले में मांस बिक्री की वजह से उनके जेहन में जनपद की बेहद खराब छवि बनती है. साथ ही आम जनमानस भी इस समस्या से काफी परेशान है.

त्रिपाठी ने डीएम को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर सावन महीना शुरू होने से पहले रेलवे स्टेशन रोड पर चल रहे अवैध बूचड़खाने और खुले में बिक रहे मांस की दुकानों को बंद नहीं कराया गया तो वह स्वयं इसे बंद कराने उतरेंगे. इस दौरान कुछ अप्रिय घटना होती है तो इसका जिम्मेदार प्रशासन होगा.

‘हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर न चलायें दुकान’

इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने 5 जुलाई को मुजफ्फरनगर में कांवड़ शिविर संचालकों के साथ बैठक की थी. इस बैठक के बाद अग्रवाल ने अपील करते हुए कहा था कि कांवड़ मेले में जो मुस्लिम लोग हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर अपनी दुकान चलाते हैं वो ऐसा न करें.

अग्रवाल ने कहा था, “कांवड़ मेले में मुस्लिम लोग भी अपनी दुकान चलाते हैं. वह अपनी दुकान चलायें हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन वह हिंदू देवी-देवताओं के नाम पर दुकान का नाम न रखें क्योंकि बाहर से आने वाले कावड़िए वहां पर बैठकर चाय पानी पीते हैं और जब उन्हें पता चलता है तो उसमें विवाद का कारण बनता है. इसलिए इस मामले में पारदर्शिता होनी जरूरी है. जिससे बाद में कोई विवाद का कारण न बन सके.”

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