UP News: उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले से चौंका देने वाला मामला सामने आया है. जिले के डीएम ने सम्पूर्ण समाधान दिवस के दौरान खुद तहसीलदार के फर्जी अर्दली को रंगे हाथों दबोचा है. यह लंबे समय से बरहज तहसीलदार का अर्दली बनकर काम कर रहा था.
देवरिया बरहज तहसीलदार का अर्दली बनकर लोगों से पैसे ऐंठने वाले इस फर्जी अर्दली को तहसील दिवस के दिन पकड़ा गया. डीएम के सामने एक व्यक्ति ने अर्दली द्वारा 10 हजार की रिश्वत मांगने की शिकायत की तो तत्काल अर्दली को सामने बुलाया गया, जहां डीएम ने इससे रिश्वत को लेकर सवाल जवाब शुरू किया.
तब अर्दली ने रिश्वत लेने वाली बात को सिरे से मना कर दिया. जिसके बाद इसकी नियुक्ति को लेकर डीएम ने एक बार और सवाल किया और पूछा “तुम्हारी नियुक्ति कब हुई, किसने की.” ये सुनते ही वह हक्का-बक्का रह गया और उसने बताया कि वह अर्दली नहीं है बल्कि प्राइवेट व्यक्ति है.
डीएम ने भेजा जेल
डीएम के सामने खुद को प्राइवेट व्यक्ति बताते ही पोल खुलने के बाद फर्जी अर्दली को तत्काल पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया. इसके साथ ही इस मामले पर बरहज के SDM और तहसीलदार से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है.
आसान भाषा में समझे तो सम्पूर्ण समाधान दिवस महीनें का वह दिन होता है जहां लोगों की समस्याओं को तुरंत निवारण किया जाता है. यूपी में हर महीने सम्पूर्ण समाधान दिवास बनाया जाता है. सम्पूर्ण समाधान दिवस के दिन जिले के आला अफसर जैसे DM, SDM और एसपी इत्यादि लोगों की समस्याओं को सुनते हैं.
शिकायतों को सुनने के बाद संबंधित अधिकारियों को यह निर्देश देते हैं कि मामलों का समाधान जल्द से जल्द कराया जाए. बता दें कि अर्दली शासन सत्ता का प्रतीक माना जाता है, जो सफेद कपड़े और टोपी पहने मेजिस्ट्रेट, मंत्री और न्यायधीशों के पीछे खड़ा रहता है.