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‘पहले 10 हजार दो, फिर बचाएंगे’, गंगा में डूबे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, रेस्क्यू के लिए गोताखोरों ने मांगे पैसे

UP News

नहाने के दौरान गंगा में डूबे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी

UP News: जिले के बांगरमऊ क्षेत्र के रहने स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर गंगा नदी में डूब गए हैं. वह बनारस में कार्यरत थे, जबकि उनका पूरा परिवार लखनऊ में रहता था. बताया जा रहा है कि वह अपने दोस्तों के साथ बिल्हौर क्षेत्र में गंगा स्नान करने के लिए आए थे. इसी दौरान अचानक वह गहरे पानी में चले गए और उनका पैर फिसल गया. वहीं डूबते समय वहां मौजूद स्थानीय तैराक ने उन्हें बचाने के लिए 10 हजार रुपये की मांग भी की.

जब तक ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर किए गए, तब तक वह डूब गए. वहीं अब उनके डूबने के बाद कानपुर प्रशासन युद्धस्तर पर रेस्क्यू अभियान चला रहा है. हालांकि अभी तक उनका कोई सुराग नहीं लग सका है.

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डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात हैं आदित्यवर्धन सिंह

बता दें कि बनारस में स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात आदित्यवर्धन सिंह उर्फ गौरव मूल रूप से उन्नाव जिले के बांगरमऊ क्षेत्र के गांव कबीरपुर के रहने वाले हैं. उनका पूरा परिवार लखनऊ के इंदिरानगर में रहता है. बताया जा रहा है शनिवार को वह मोहल्ले के ही दो दोस्तों प्रदीप तिवारी और योगेश्वर मिश्रा के साथ कार से लखनऊ से चलकर बांगरमऊ के नानामऊ क्षेत्र में पहुंचे. यहां वह बिल्हौर क्षेत्र में नानामऊ गांव के पास गंगा स्नान कर रहे थे, तभी अचानक पैर फिसलने वह गहरे पानी में समा गए. उनके डूबने की जानकारी मिलने के बाद कानपुर प्रशासन मोटर चलित बोट और स्थानीय गोताखोरों की मदद से उनकी तलाश में जुटा हुआ है. हालांकि अभी तक उनका कोई पता नहीं चल सका है.

डूबने से बचाने के लिए पैसे की मांग

बताया जा रहा है कि घटना के समय मौके पर मौजूद उनके दोस्त प्रदीप तिवारी बचाव के लिए चिल्लाए. इस दौरान मौके पर मौजूद एक स्थानीय तैराक ने आदित्यवर्धन को डूबने से बचाने के लिए 10 हजार रुपये की मांग की. इस दौरान प्रदीप तिवारी ने आनन-फानन में किसी तरह से मोबाइल के जरिए स्थानीय निवासी द्वारा बताए गए खाते पर सुनील कश्यप नामक व्यक्ति के खाते में दस हजार रुपये भेजे. उन्होंने इसका साक्ष्य भी दिखाया है.

हालांकि जब तक उन्होंने ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर किया, तब तक आदित्यवर्धन गहरे पानी में लापता हो गए. ये भी कहा जा रहा है कि अगर समय रहते उन्हें बचाने का प्रयास किया गया होता, तो वह डूबने से बच जाते.

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