UP News: समाजवादी पार्टी की सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति और रिटायर आईएएस अधिकारी गुरदीप सिंह खनन की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. दोनों को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दिया गया है. यूपी के उप लोकायुक्त ने खनन घोटाले से जुड़े मामले में उन्हें मंगलवार को दोषी पाया गया है. उनके खिलाफ इस मामले में लोकायुक्त की जांच में नुकसान की भरपाई की गई है. नुकसान की भरपाई के लिए वसूली करने की सरकार से संस्तुति की गई है.
दरअसल, पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति और पूर्व प्रमुख सचिव गुरदीप सिंह के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत की गई थी. इस मामले में उनके खिलाफ लखनऊ की सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने शिकायत की थी. उनका आरोप था कि गायत्री प्रजापति और गुरदीप सिंह ने नियमों की अनदेखी की है. यह पूरा मामला सोनभद्र में मुख्य खनिज और चित्रकूट में पोटाश आदि के खनिजों के सर्वेक्षण के लिए परमिट देने से जुड़ा हुआ है.
कंपनियों से मिली भगत का आरोप
दोनों पर आरोप है कि राजस्थान के उदयपुर के एक व्यावसायिक ग्रुप को परमिट दे दिया था. इसके अलावा खनन विभाग की ओर से तैयार 3 करोड़ रुपए की अन्वेषण रिपोर्ट को खरीदे जाने की शर्त भी कंपनियों की मिली भगत से माफ कर दी गई थी. इस दौरान कंपनी से लाइसेंस और परमिट फीस भी नहीं ली गई थी. शिकायत के बाद दोनों को शुरूआती जांच में दोषी पाया गया था.
इस मामले में उप लोकायुक्त बीके सिंह ने इस प्रकरण में राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजकर दोनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी. तब नुकसान की भरपाई के लिए 3 महीने में लोकायुक्त संगठन को अवगत कराने के निर्देश दिया गया था. बता दें कि गायत्री प्रजापति, अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा सरकार में मंत्री थे. अब वह रेप केस में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं.