UP News: जाजमऊ आगजनी मामले में MP-MLA सेशन कोर्ट ने सपा विधायक इरफान सोलंकी(Irfan Solanki), उनके भाई रिजवान सोलंकी समेत पांच अभियुक्तों को कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अब उनकी विधायकी भी चली गई है. बता दें कि इससे पहले 3 जून को कोर्ट ने आगजनी के आरोप में IPC की धारा 436, 427, 147, 504, 506, 323 में दोषी ठहराते हुए सभी 5 आरोपियों को दोषी करार दे दिया था. इस दौरान कोर्ट ने 7 जून को सजा को लेकर सुनवाई करने का तारीख दी थी. अब सभी पांचों दोषियों के खिलाफ सजा सुना दी गई है. MP-MLA सेशन कोर्ट के के विशेष न्यायाधीश सत्येंद्र नाथ त्रिपाठी ने यह फैसला सुनाया है.
जाजमऊ में रहने वाली नजीर फातिमा ने दर्ज कराई थी शिकायत
बता दें कि, सपा विधायक इरफान सोलंकी पिछले कुछ समय से उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जेल में बंद हैं. यह पूरा मामला साल 2022 का है. 7 नवंबर 2022 को जाजमऊ के डिफेंस कॉलोनी में स्थित एक प्लाट में रहने वाली नजीर फातिमा के घर में आग लग गई. इस दौरान नजीर फातिमा नाम की महिला ने डिफेंस कॉलोनी, जाजमऊ थाने में सपा विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी के खिलाफ 8 नवंबर 2022 को एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इस शिकायत में उन्होंने इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी समेत उनके साथियों के खिलाफ आगजनी का आरोप लगाया था. इसी मामले में कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया था.
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भाई रिजवान के साथ पुलिस कमिश्नर के यहां किया था सरेंडर
पुलिस में की गई शिकायत के मुताबिक नजीर फातिमा अपने परिवार सहित एक रिश्तेदारी में विवाह समारोह में गई थीं. इस बीच जब उनका बेटा किसी काम से घर आया था तो उसने देखा कि घर पर आग लगी है. साथ कहा गया कि आगजनी करने वाले आरोपियों ने नजीर फातिमा के बेटे के साथ भी मारपीट की थी और उसे आग में धकेलने की कोशिश भी की. इस पर पुलिस ने FIR दर्ज कर लिया. वहीं FIR दर्ज होने के बाद विधायक इरफान सोलंकी गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार हो गए. इसी दौरान उनके ऊपर फर्जी आधार कार्ड के जरिए हवाई यात्रा करने का भी एक मुकदमा दर्ज हो गया. गिरफ्तारी से बचने का कोई चारा न दिखने पर उन्होंने अपने भाई रिजवान के साथ पुलिस कमिश्नर के ऑफिस में समर्पण कर दिया.