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डिजिटल अटेंडेंस से लेकर बुलडोजर एक्शन तक पर रोक… यूपी सरकार को एक दिन में वापस लेने पड़े दो फैसले

CM योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को प्राइमरी स्कूलों में डिजिटल अटेंडेंस पर दो महीने के लिए रोक लगा दी है. मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की शिक्षक संघ के साथ बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है. मुख्य सचिव का कहना है कि एक कमेटी बनाकर शिक्षकों की समस्या का निस्तारण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि शिक्षा में ट्रांसफॉर्मेशन होना चाहिए. फिलहाल दो महीने के लिए डिजिटल अटेंडेंस को होल्ड पर रख दिया गया है. इसके अलावा एक और फैसले को वापस लेते हुए सरकार ने साफ कर दिया है कि अब लखनऊ के पंत नगर और इंद्रप्रस्थनगर में बुलडोजर की कार्रवाई नहीं होगी.

दरअसल, प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों की डिजिटल अटेंडेंस को लेकर विवाद चल रहा है. शिक्षक संघ का कहना है कि शिक्षकों को खराब सड़क और ट्रांसपोर्ट की समस्या का सामना करना पड़ता है. इसकी वजह से कई बार टीचर देर से स्कूल पहुंचते हैं. वहीं, दूसरी तरफ सरकार का कहना है कि छात्रों को बेहतर शिक्षा के लिए यह उपाय बेहद कारगर है. योगी सरकार के मंत्री राकेश सचान ने दावा किया कि शिक्षक स्कूलों से गायब रहते हैं.

पंतनगर में नहीं तोड़े जाएंगे घर

दूसरी तरफ, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अतिक्रमण हटाओ अभियान पर रोक लगा दी गई है. कुकरैल नदी के किनारे रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के नाम पर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जा रहा था और इस क्रम में पांच मोहल्ले में घरों पर लाल निशान लगाया गया था. इस कारण लोग अपने घरों के आगे धरना प्रदर्शन कर रहे थे. सोशल मीडिया पर भी बुलडोजर एक्शन रोकने की मांग हो रही थी और कहा जा रहा था कि सरकार को इस कार्रवाई पर रोक लगानी चाहिए. वहीं अब इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कर दिया है कि आक्रमण हटाओ अभियान पर रोक लगेगी.

सीएम योगी ने किया ट्वीट

सीएम योगी आदित्यनाथ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, “लखनऊ में पंतनगर हो या इंद्रप्रस्थनगर, यहां के हर निवासी की सुरक्षा और संतुष्टि हमारी जिम्मेदारी है. कुकरैल नदी पुनर्जीवन परियोजना से प्रभावित परिवार निश्चिंत रहें. निजी मकानों पर चिह्नीकरण का कोई औचित्य नहीं था, ऐसा करने वालों की जवाबदेही तय की जाएगी.”

मायावती ने डिजिटल अटेंडेंस को लेकर कही ये बात

उधर, इस मसले पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा, “उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में जरूरी बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव होने के कारण वहां बदहाली की शिकायतें आम रही हैं, जिस पर समुचित बजटीय प्रावधान करके उन गंभीर समस्याओं का उचित हल करने के बजाय सरकार उस पर से ध्यान बांटने के लिए केवल दिखावटी कार्य कर रही है, यह क्या उचित?” मायावती ने आगे कहा, “शिक्षकों की डिजिटल हाजिरी भी सरकार का ऐसा ही नया कदम लगता है जो जल्दबाजी में बिना पूरी तैयारी के ही थोप दिया गया है. इससे कहीं ज्यादा जरूरी है शिक्षकों की सही व समुचित संख्या में भर्ती के साथ ही बुनियादी सुविधाओं का विकास ताकि अच्छी गुणवत्ता वाली पढ़ाई सुनिश्चित हो सके.”

‘डिजिटल अटेंडेंस का आदेश स्थगित नहीं, रद्द होना चाहिए’

वहीं, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “शिक्षकों पर अविश्वास जताकर भाजपा सरकार ने साबित कर दिया है कि न तो वो शिक्षा का सम्मान करती है, न शिक्षकों का. भाजपा ने अध्यापकों का भरोसा खो दिया है. एक शिक्षक परिवार से होने के नाते हम शिक्षकों का दर्द भी समझते हैं और उनकी सही माँगों और एकता की ताक़त को भी. हम सदैव शिक्षकों के साथ हैं. ‘डिजिटल अटेंडेंस’ का आदेश स्थगित नहीं, रद्द होना चाहिए.”

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