UP Police Exam: उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती परीक्षा की शुरुआत आज 23 अगस्त से हो रही है. परीक्षा 23 से 31 अगस्त तक पांच दिनों में होगी. यह परीक्षा राज्य के 67 जनपदों के 1176 सेंटर पर आयोजित की जा रही है. परीक्षा दो पालियों में होगी. पहली शिफ्ट की परीक्षा सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे त क और दूसरे शिफ्ट की परीक्षा दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे तक होगी.
परीक्षा की सुरक्षा को लेकर भी प्रशासन की तरफ से कड़े इंतजाम किए गए हैं. गौरतलब है कि यूपी सरकार 60,244 पुलिस पदों पर भर्ती कर रही है. परीक्षा को पारदर्शी बनाने के लिए अभ्यर्थियों को बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन के बाद ही परीक्षा सेंटर में प्रवेश दिया जाएगा. बता दें कि यह परीक्षा 17 और 18 फरवरी को आयोजित की गई थी, लेकिन पेपर लीक आरोपों की वजह से कैंसिल कर दी गई थी.
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फेशियल रिकॉग्निशन के बाद मिलेगी एंट्री
उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रवेश परीक्षा में पारदर्शिता बनाने के लिए परीक्षा केंद्रों पर अभ्यर्थियों की चेकिंग, फ्रिस्किंग एवं पर्यवेक्षण की उचित व्यवस्था की गई है. फिजिकल फ्रिस्किंग, बायोमीट्रिक फिंगर प्रिंट एवं फेशियल रिकॉग्निशन के बाद ही केंद्र पर अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया जाएगा.
फेशियल रिकॉग्निशन नहीं होने पर एफआरआईएस कैप्चर करने की भी व्यवस्था की गई है. फेशियल रिकॉग्निशन में संशय होने पर अभ्यर्थी का आधार ऑथेंटिकेशन कराया जाएगा. इसके अलावा सभी केंद्रों पर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे मोबाइल, ब्लूटूथ को निष्क्रिय करने के लिए जैमर लगाए गए हैं. परीक्षा कक्ष एवं केंद्र में सीसीटीवी से निगरानी की जाएगी.
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सुरक्षा के कड़े इंतजाम
पुलिस भर्ती परीक्षा के दौरान बड़े पैमाने पर सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं. इसके लिए जिला स्तर पर जिलाधिकारी जनपदीय पर्यवेक्षक के रूप में कार्य करेंगे. साथ ही प्रदेश के जिन सेंटर पर एक हजार से अधिक अभ्यर्थी होंगे, वहां पुलिस उपाधीक्षक तैनात किए गए हैं. एक हजार तक अभ्यर्थी वाले सेंटर पर इंस्पेक्टर और पांच सौ तक अभ्यर्थी वाले सेंटर पर सब इंस्पेक्टर को नियुक्त किया गया है.
साथ ही नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए उड़नदस्ते भी बनाये गए हैं, जो परीक्षा केंद्रों पर जाकर चेकिंग करेंगे. उम्मीदवारों की सहायता के लिए केंद्रों पर हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं, जिससे प्रशासन द्वारा प्रदान की जा रही सुविधाओं के बारे में सूचित किया जा सके और छात्रों को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े.