UP Politics: लोकसभा चुनाव 2024 संपन्न होने के बाद अब उत्तर प्रदेश में नया चुनावी रण होने वाला है. लोकसभा चुनाव में विधायक से सांसद बने नेताओं के इस्तीफे के कारण सूबे की 9 सीटों पर मतदान होंगे. साथ ही जाजमऊ आगजनी कांड में दोषी पाए जाने के कारण समाजवादी पार्टी नेता इरफान सोलंकी की सीट सीसामऊ भी खाली होने वाली है.
अखिलेश के भतीजे तेज प्रताप भी लड़ सकते हैं चुनाव
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस बार कन्नौज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा है. इससे पहले वह मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से विधायक चुने गए है. अवधेश प्रसाद ने यूपी में BJP को सबसे बड़ा डेंट दिया है. फैजाबाद की मिल्कीपुर विधानसभा से विधायक अवधेश प्रसाद ने BJP के दो बार के सांसद लल्लू सिंह को करारी शिकस्त दी. ऐसे में दोनों ही सीटों पर चुनाव होंगे. यह उपचुनाव NDA और INDIA ब्लॉक दोनों के लिए अहम होने वाला है. सपा की ओर से करहल विधानसभा सीट से सबसे बेहतर उम्मीदवार को लेकर चर्चा जोरों पर है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव के भतीजे तेज प्रताप यादव का नाम इस पर आगे चल रहा है. बता दें कि, तेज प्रताप यादव को लोकसभा चुनाव में कन्नौज सीट से उम्मीदवार बनाया गया था लेकिन बाद में अखिलेश यादव ने खुद इसी सीट से चुनाव लड़ा.
समाजवादी पार्टी के गढ़ करहल में होगा महामुकाबला
ऐसे में करहल में सबसे बड़ा चुनावी मुकाबला देखने को मिलेगा. 2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने BJP उम्मीदवार एसपी सिंह बघेल को हराया था. अब एसपी सिंह बघेल आगरा की लोकसभा सीट से संसद पहुंच चुके हैं. उन्हें फिर से केंद्र सरकार में भी मंत्री बनाया गया है. वहीं दूसरा बड़ा मुकाबला मिल्कीपुर विधानसभा सीट हो सकता है. क्योंकि 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी अवधेश प्रसाद ने BJP उम्मीदवार बाबा गोरखनाथ को हराया था. कहा यह भी जा रहा है फैजाबाद(अयोध्या) में मिली हार का बदला लेने के लिए BJP पासी उम्मीदवार को उतारने पर विचार कर रही है.
कटहेरी सीट पर निषाद पार्टी BJP से कर सकती है दावा
अम्बेडकर नगर की कटहेरी विधानसभा सीट से विधायक लालजी वर्मा ने सपा के टिकट पर अम्बेडकर नगर लोकसभा सीट से बड़ी जीत दर्ज की है. अब कटहेरी विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए NDA की सहयोगी दल निषाद पार्टी भी इस सीट पर अपनी दावेदारी कर सकती है. क्योंकि बतौर निषाद पार्टी उम्मीदवार अवधेश कुमार 2022 के विधानसभा चुनाव में नजदीकी मुकाबले में हारे थे. वहीं मिर्जापुर की मझवा विधानसभा सीट से विधायक विनोद कुमार बिंद बतौर BJP प्रत्याशी सांसद चुने गए हैं. ऐसे में इस सीट पर भी निषाद पार्टी BJP से यह सीट मांग सकती है. साथ ही इस चुनाव में NDA में शामिल RLD के लिए भी यह उपचुनाव बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगे. क्योंकि 2022 के चुनाव में सपा के साथ गठबंधन में RLD ने मीरापुर विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की थी.
NDA को जीत दिलाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी जयंत चौधरी की
मीरापुर विधानसभा सांसद चुने गए चंदन चौहान की ओर से विधायकी छोड़ने के बाद इस सीट पर RLD की भूमिका अहम हो जाती है. वहीं, RLD प्रमुख जयंत चौधरी को भी मोदी सरकार में मंत्री बनाया गया है. ऐसे में इस सीट पर NDA उम्मीदवार को जीत दिलाने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी जयंत चौधरी की ही होगी. वहीं दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश में अपनी खोई हुई जमीन को कुछ हद तक पाने में सफल हुई कांग्रेस भी दावेदारी कर सकती है. कांग्रेस की ओर से इस बात का संकेत भी दिया गया है. एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा है कि हमारी पहली प्राथमिकता इन सीटों पर सपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने की होगी. हमने लोकसभा चुनाव में कामयाब हुए गठबंधन को आगे ले जाना चाहते हैं. अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम अकेले लड़ने पर भी विचार कर सकते हैं.