UP Politics: इन दिनों उत्तर प्रदेश बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. दरअसल, लोकसभा चुनाव में पार्टी को राज्य में करारी हार मिली. इसके बाद कई नेताओं ने सवाल उठाए हैं कि आखिर कहां चूक हो गई. हालांकि, अब एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर नया सियासी बखेड़ा खड़ा कर दिया है. बीजेपी नेता ने सीएम को बताया है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी का यूपी में निराशाजनक प्रदर्शन क्यों देखने को मिला? इसके लिए कौन से लोग जिम्मेदार हैं और कहां पर सरकार पीछे रह गई है?
पत्र में क्या लिखा है?
उन्होंने अपने पत्र में लिखा, “सीएम योगी जी आपके सुशासन और कानून व्यवस्था की सर्वत्र सराहना होती है. राज्य और राष्ट्र की सीमा के बाहर भी आपके सुशासन मॉडल की चर्चा होती है. अचानक ऐसा क्या हुआ कि प्रदेश की जनता आप की सरकार से नाराज हो गई. कई कारणों के एक साथ मिल जाने से 2024 का अनपेक्षित परिणाम मिला. जनमानस में सरकार की छवि शिक्षक और कर्मचारी विरोधी बन गई है, इसके लिए जिम्मेदार नौकरशाही है. उनके फैसलों से जनाकोश भड़क उठा. नौकरशाहों द्वारा लिए गए निर्णय सरकार के लिए अभिशाप बन गए और यही वजह रही कि राज्य में पार्टी को अपेक्षित परिणाम नहीं मिले.”
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एमएलसी ने शिक्षकों का मुद्दा उठाया
उन्होंने पत्र में आगे लिखा, ” कोरोना काल में जब ‘रक्त के रिश्ते’ भी बेमानी हो गए थे, ऐसे संकट काल ने चुनावी दायित्व का निर्वहन करने में 1621 शिक्षक अकाल मृत्यु के शिकार हुए, उनका लोकतंत्र के लिए दिया गया बलिदान भुला दिया गया. भारत को पोलियो में विश्व रिकार्ड दिलाने वाले शिक्षकों को डिजिटल हाजिरी के नाम पर अपमानित नाम पर अपमानित और प्रताड़ित किया जा रहा है. शिक्षकों से शिक्षण कार्य के अतिरिक्त 30 कार्य ऑफ लाइन लिए जाते हैं, परन्तु हाजिरी ऑनलाइन क्यों? क्या शिक्षकों की गैर शैक्षिक कार्यों के लिए कोई अतिरिक्त सुविधा दी जाती है? क्या शिक्षक इंसान न होकर मशीन बन गए हैं?
बता दें कि एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह गोरखपुर से आते हैं जो कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ का गृह जिला है. देवेंद्र प्रताप सिंह को सीएम योगी का करीबी भी बताया जाता है. बीजेपी एमएलसी ने सीएम को लिखे पत्र में सवाल भी किया है और कई मांग की भी है. नौकरशाहों से साजिश से बचने की अपील करते हुए पुरानी पेंशन योजना को फिर से शुरू करने की मांग भी कर दी है.