Swami Prasad Maurya के समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा देने के एक दिन बाद पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राम गोविंद चौधरी ने बुधवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को पत्र लिखकर अनुरोध किया कि वह इस्तीफा स्वीकार न करें क्योंकि वह आरएसएस द्वारा फैलाए जा रहे “जहर” का मुकाबला कर रहे हैं. मौर्य ने मंगलवार को नेतृत्व पर उनके साथ भेदभाव करने और उनकी टिप्पणियों पर उनका बचाव नहीं करने का आरोप लगाते हुए पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि अभी हमने महासचिव पद से इस्तीफा दिया है और अब गेंद राष्ट्रीय अध्यक्ष (अखिलेश यादव) के पाले में है. हम उनके अगले कदम का इतंजार कर रहे हैं. उसके बाद ही आगे कोई निर्णय लिया जाएगा.मौर्य ने कहा, ‘पूजा अर्चना लोगों की व्यक्तिगत श्रद्धा से जुड़ा मामला है, किसी भी पूजा पद्धति पर मैं टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा. कोई भी धर्म हो सभी धर्मों का मैं सम्मान करता हूं. इसलिए इस इस्तीफ़े का और कल की पूजा का कोई संबंध नहीं है. सपा विधायक मनोज पांडे के ‘मानसिक विक्षिप्त’ वाले बयान पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मुझे टुच्चे विधायकों की बातों पर नहीं बोलना है.
अखिलेश की प्रतिक्रिया आई सामने
अब इस मुद्दे पर अखिलेश की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा, “यह सवाल जो आप पूछ रहे है हम अपनी पार्टी में बातचीत करकर उसका समाधान निकाल लेंगे. उससे बड़ा मुद्दा किसानों का है जिससे वह भाजपा से प्रताड़ित है.उन्होंने कहा कि आखिर बीजेपी चाहती क्या है. एक तरफ बीजेपी स्वामीनाथन जी को भारत रत्न दे रही है लेकिन दूसरी तरफ किसानों पर आंसू गैस के गोले चलाये जा रहे हैं. बीजेपी के लोग पीडीए से घबराये हुए हैं. सपा नेता ने कहा “किसान आंदोलन कर रहा है, देश का किसान भाजपा से जानना चाहता है कि जिन्होंने सपना दिखाया था की आय दोगुनी हो जाएगी वो एक तरफ भारत रत्न दे रहे हैं दूसरी तरफ आप किसानों को रोकना चाहते हैं, उनकी मांग नहीं मानना चाहते हैं.”
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राम गोविंद चौधरी ने क्या कहा?
राम गोविंद चौधरी चौधरी ने यादव को लिखे अपने पत्र में कहा, “आपके सफल नेतृत्व में समाजवादी पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता और नेता सांप्रदायिकता और पाखंड के इस जहर के प्रभाव को कम करने के लिए संघर्ष कर रहा है. पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य भी इस जहर का पुरजोर विरोध कर रहे हैं.” बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की जिसके चलते वह बीजेपी और संघ के निशाने पर हैं.” उन्होंने कहा कि मौर्य पिछड़े समुदाय से आते हैं और अपनी संघर्षशील प्रवृत्ति के कारण इस समाज में उनका विशेष स्थान है.