Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश का पीलीभीत सीट सुर्खियों में रहा और इसका कारण थे वरुण गांधी. दरअसल, चुनाव से पहले ही इस बात की चर्चा थी की बीजेपी इस बार वरुण गांधी का टिकट काट सकती है और हुआ भी ऐसा ही. पार्टी ने वरुण का टिकट काट कर यूपी कैबिनेट में मंत्री रहे जितिन प्रसाद को चुनावी मैदान में उतारा है. तब से ही इस बात की चर्चा थी कि आखिर किस वजह से वरुण गांधी का टिकट कटा है. अब इस मामले पर उनकी मां मेनका गांधी ने बड़ा खुलासा किया है.
मेनका गांधी ने वरुण गांधी को पीलीभीत से टिकट नहीं मिलने के सवाल पर कहा कि वहां से वरुण को टिकट मिलना चाहिए था लेकिन पार्टी ने फैसला कर लिया है, बस इतनी सी बात है. न्यूज एजेंसी पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में जब मेनका से पूछा गया कि क्या सरकार की आलोचना करने पर उनके बेटे वरुण गांधी को लोकसभा का टिकट गंवाना पड़ा ? इसके जवाब में मेनका गांधी ने कहा, दूसरा कोई कारण ही नजर नहीं आ रहा है. उन्होंने आगे कहा कि मुझे यकिन है कि वरुण लोकसभा चुनाव टिकट के बिना भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे.
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निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने की चर्चा
पहले इस बात की अटकलें लगाई जा रही थी कि वरुण गांधी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ सकते हैं, लेकिन नामांकन प्रक्रिया के अंतिम दिन भी उन्होंने अपना पर्चा दाखिल नहीं किया. जिसके बाद उनके इस सीट से चुनाव लड़ने की चर्चाओं पर पूर्ण विराम लग गया. तीन दशक में पहली बार मेनका गांधी और उनके बेटे वरुण गांधी दोनों ही पीलीभीत सीट से चुनावी मैदान में नहीं हैं. नेपाल बॉर्डर से सटे पीलीभीत से इस बार वरुण को टिकट न मिलना आश्चर्यजनक नहीं है क्योंकि किसानों, स्वास्थ्य, रोजगार जैसे मुद्दों को लेकर वह कई बार भाजपा का आलोचना कर चुके हैं.
सुलतानपुर से उम्मीदवार हैं मेनका गांधी
गौरतलब है कि वरुण गांधी की मां मेनका गांधी सुलतानपुर से सांसद है और इसी लोकसभा सीट से बीजेपी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया है. पीलीभीत सीट का प्रतिनिधित्व 1996 से मेनका गांधी या उनके बेटे वरुण गांधी करते रहे हैं. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के चचेरे भाई वरुण गांधी साल 2009 और 2019 में पीलीभीत से भाजपा का सांसद रह चुके हैं.