UP News: लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को यूपी में भारी नुकसान हुआ. जहां पार्टी को 80 में से 80 सीटें मिलने की उम्मीद थी वहां बीजेपी महज 33 सीटों पर ही सिमट गई. पीएम मोदी और राजनाथ सिंह समेत भारतीय जनता पार्टी के कई दिग्गज नेताओं की सीट भी उत्तर प्रदेश में ही है. हालांकि, फिर भी पार्टी को पराजय का स्वाद चखना पड़ा है. अब यूपी के बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी इसी सिलसिले में शनिवार (22 जून) को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर पहुंचे.
यहां पर उन्होंने एक रिपोर्ट पेश की, जिसमें ये बताया गया कि आखिर किन कारणों से बीजेपी की यूपी में इतनी बुरी दशा हुई है. बता दें कि भूपेंद्र यादव ने जेपी नड्डा को यूपी के ताजा हालातों के बारे में भी जानकारी दी है. भूपेंद्र यादव ने बीजेपी चीफ को अयोध्या में बीजेपी की समीक्षा बैठक के दौरान महंत दास और दो मंत्रियों की मौजूदगी में डीएम के साथ हुई झड़प की जानकारी भी दी है. बीजेपी की अब तक की समीक्षा में जो हार के कारणों की जानकारी दी गई है. वो इस प्रकार हैं.
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यूपी में बीजेपी की हार की 5 वजहें
पहला लोकसभा चुनाव के दौरान अधिकारियों का जो रवैया रहा. इस वजह से भी बीजेपी के प्रदर्शन पर असर पड़ा है.
दूसरा-चुनाव के दौरान जनप्रतिनिधियों के विचारों पर सुनवाई नहीं होना भी हार की एक वजह है.
संविदा पर की जा रही भर्तियों में आरक्षण नहीं होने के मुद्दे को लेकर लोगों के बीच असंतोष का माहौल भी था. ये भी हार की एक वजह है.
खराब प्रदर्शन की एक वजह उत्तर प्रदेश में बीजेपी नेताओं द्वारा संविधान बदलने की बात कहना भी है.
एक और वजह है कि मतदाता सूची से नाम कटने की वजह से भी कुछ लोग नाराज थे. उन्होंने अपने आस-पास बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाया.
2019 के मुकाबले आधी सीट पर सिमट गई बीजेपी
गौरतलब है कि देश में सबसे ज्यादा लोकसभा की सीटें उत्तर प्रदेश में ही है. यहां की 80 सीटों में से बीजेपी के खाते में इस बार 33 सीटें आईं. अगर 2019 के नतीजों को गौर से देखें तो यह लगभग आधी है. 2019 में बीजेपी राज्य में 62 सीटें जीतने में कामयाब हुई थी. एनडीए में शामिल उसके सहयोगियों अपना दल और आरएलडी को क्रमशः एक और दो सीटों पर जीत मिली. इस तरह एनडीए के खाते में 80 में से 36 सीटें आईं. यूपी में शानदार प्रदर्शन न करने की वजह से केंद्र में बीजेपी को सरकार बनाने के लिए एनडीए से मदद लेना पड़ा है. इस तरह पीएम मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेकर अपने कार्यकाल को आगे बढ़ा रहे हैं.