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Kedarnath Avalanche: केदारनाथ में एक बार फिर आया एवलांच, अचानक पहाड़ से टूटकर गिरने लगा ग्लेशियर

kedarnath Avalanche

केदारनाथ में पहाड़ से टूटकर गिरा ग्लेशियर

Kedarnath Avalanche: केदारनाथ मंदिर के पीछे की पहाड़ियों में रविवार सुबह एक बार फिर से एवलांच आया. हालांकि, इस बर्फिले तूफान से किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ है. बताया जाता है कि सुबह 5.06 बजे गांधी सरोवर के ऊपर पहाड़ से ग्लेशियर टूटकर गिरने लगे. जिसको देखकर लोगों में हलचल शुरू हो गई. क्योंकि यह काफी नीचे तक आ गया था.

केदारनाथ के सेक्टर अधिकारी का कहना है कि इस बर्फीली पहाड़ी पर समय-समय पर एवलांच आते रहते हैं. केदारनाथ धाम के पीछे स्थित बर्फ की पहाड़ी पर रविवार सुबह पांच बजे के आसपास एवलांच आया है. पहाड़ी से बर्फ काफी नीचे आ गई. पहाड़ी पर बर्फ का धुआं उड़ने लगा. इसके बाद केदानगरी में हलचल मच गई. काफी देर तक यह एवलांच आता रहा.

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एवलांच से कोई नुकसान नहीं- सेक्टर अधिकारी

वैसे इस पहाड़ी पर एवलांच आना कोई नई बात नहीं है. यहां समय समय पर एवलांच आते रहते हैं. आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि सेक्टर अधिकारी केदारनाथ ने बताया कि रविवार सुबह गांधी सरोवर के ऊपर स्थित पहाड़ी पर एवलांच आया था. हालांकि इस एविलांच से किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ है.यहां बर्फ अधिक गिरने पर इस प्रकार की घटनाएं होती हैं। इनसे किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता है.

तेज आवाज सुन घरों से बाहर निकले लोग

जिला आपदा कंट्रोल रूम के अनुसार, रविवार को सुबह 5 बजकर 6 मिनट पर केदारनाथ के चौराबाडी के ऊपरी क्षेत्र से एवलांच आने से बड़ी मात्रा में हिमखंड टूटकर नीचे गिर गए, जिससे बर्फ के गुब्बारे व सफेद धुआं दिखाई दिया. केदारनाथ के स्थानीय लोगों व यात्रियों ने तेज आवाज आने से अपने घरों से बाहर आ गए, तथा इस दृश्य को अपनी आंखों से देखा. इस वर्ष अब तक तीसरी बार हिमखंड टूटने की घटना हो चुकी है. उच्च हिमालय क्षेत्र में अक्सर हिमस्खलन की घटनाएं होती है. केदारनाथ धाम में इस वर्ष मई में भी एवलांच आया था, जबकि बीते वर्ष सितंबर और अक्टूबर में भी एवलांच की तीन घटनाएं हुई थी.

2013 में भयानक बाढ़ ने मचाई थी तबाही

2013 में केदारनाथ में बादल फटने के कारण भीषण बाढ़ आ गई थी. इस बाढ़ में वहां सब कुछ तबाह हो गया था. काफी दिनों बाद केदारनाथ धाम में जनजीवन सामान्य हो सका था. ऐसे में जब ऊपर पहाड़ी से बर्फिला तूफान नीचे आ रहा था तो एक बार फिर से लोगों की सांसें थम सी गई.

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