Uttarakhand UCC Bill: उत्तराखंड में बुधवार, 7 फरवरी को इतिहास रचा गया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की ओर से पेश किया गया समान नागरिक संहिता उत्तराखंड-2024 विधेयक सदन में बहुमत से पारित हो गया. विधानसभा में यूसीसी बिल पास होने के बाद उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला स्वतंत्र देश का पहला राज्य बन गया है.
महिलाओं के खिलाफ भेदभाव को रोकेगा बिल
उत्तराखंड विधानसभा में बिल पास होने पर सीएम ने कहा, ‘समान नागरिक संहिता शादी, विरासत और तलाक जैसे मामलों पर बिना किसी भेदभाव के सभी को समानता का अधिकार देगा. यह बिल मुख्य रूप से महिलाओं के खिलाफ भेदभाव, अन्याय और गलत कार्यों को खत्म करने में सहायता प्रदान करेगा.’ उन्होंने आगे कहा कि अब समय आ गया है कि मातृशक्ति के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को रोका जाए, हमारी बहन-बेटियों के खिलाफ भेदभाव को रोकना होगा.
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‘शायरा बानो के सच को हासिल कर सकते थे पहले’
बिल पेश करते हुए सीएम धामी ने सदन में कहा कि आजादी के बाद संविधान निर्माताओं ने अनुच्छेद 44 के तहत यह अधिकार दिया है कि सभी राज्य उचित समय पर यूसीसी लागू कर सकते हैं. हमने संवैधानिक व्यवस्था के अनुरूप मसौदा बनाया है. उन्होने कहा कि बहुत समय बीत गया, हमने अमृत महोत्सव मनाया, लेकिन वर्ष 1985 के शाह बानो मामले के बाद भी सच नहीं माना गया. वो सच जिसके लिए शायरा बानो ने दशकों तक संघर्ष किया उस सच को पहले हासिल किया जा सकता था लेकिन अज्ञात कारणों से नहीं किया गया.
पिछली सरकारों पर सीएम धामी ने कसा तंज
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछली सरकारों पर तंज कसते हुए कहा, ‘पूर्ण बहुमत वाली सरकारें होने पर भी समान नागरिक संहिता लागू करने के प्रयास क्यों नहीं किए गए? देश में महिलाओं को क्यों समान अधिकार नहीं दिए गए? राजनीति और वोट बैंक को देश से ऊपर क्यों रखा गया? देश के सभी नागरिकों के बीच मतभेद क्यों जारी रहने दिया गया? समुदायों के बीच घाटी क्यों खोदी गई?’