खास है बस्तर की ये चींटी की चटनी, हर साल होता है 15 करोड़ का व्यापार
छत्तीसगढ़ का बस्तर क्षेत्र की चापड़ा चटनी विशेष पहचान रखती है.
चापड़ा चटनी लाल चींटियों से बनाई जाती है.
यह आदिवासी समाज में सर्दी, बुखार, पीलिया, आंत की समस्याओं और खांसी के इलाज के लिए लोकप्रिय है.
इस चटनी का सेवन भूख बढ़ाने और मलेरिया समेत कई रोगों के उपचार में किया जाता है.
चापड़ा चटनी न केवल बस्तर में बल्कि उड़ीसा और झारखंड में भी लोकप्रिय है.
बस्तर में चापड़ा चींटी के कारोबार से
हर साल लगभग 15 करोड़ रुपये का व्यापार होता है.
उड़ीसा ने चापड़ा चटनी को पेटेंट करवाया है, लेकिन बस्तर में इसका पारंपरिक उपयोग जारी है.
चापड़ा चींटी साल के पेड़ों पर घोंसला बनाकर रहती है और बस्तर में ग्रामीण इन्हें इकट्ठा करके बेचते हैं.