रामनवमी पर कैसे हुआ रामलला का सूर्य तिलक, जानिए इसके पीछे का विज्ञान
रामनवमी के अवसर पर अयोध्या के राम मंदिर में विशेष व्यवस्थाएं की गईं.
वैज्ञानिकों ने सूर्य की किरणों का उपयोग करके रामलला के माथे का 'सूर्य तिलक' किया.
दर्पण और लेंस से युक्त उपकरण का उपयोग किया गया, जो पाइपिंग सिस्टम के अंदर फिट होता है.
इस तकनीक में सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
वैज्ञानिकों ने सूर्य की किरणों को मूर्ति के माथे पर सटीक रूप से
स्थापित किया.
टीम में भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान और बेंगलुरु की एक
कंपनी भी शामिल थी.
यह प्रक्रिया सौर ट्रैकिंग के सिद्धांतों का उपयोग करते हुए किया गया.