जानिए कैसे काम करते हैं एग्जिट पोल और कितने सटीक होते हैं आंकड़े

एग्जिट पोल मतदान के बाद वोटरों से की गई बातचीत पर आधारित होते हैं.

वोटरों से पूछा जाता है कि किसे वोट दिया और उनके बूथ पर रुझान क्या है.

सीट के संभावित परिणाम का अंदाजा लगाया जाता है.

एग्जिट पोल के नतीजे हमेशा सटीक नहीं होते, कई बार सही और कई बार गलत साबित होते हैं.

भारत में पहली बार 1957 में एग्जिट पोल कराए गए थे.

2019 के लोकसभा चुनाव में अधिकांश एग्जिट पोल की भविष्यवाणी सही साबित हुई थी.

ऑनलाइन, व्यक्तिगत रूप से, या  फोन कॉल के माध्यम से डेटा  जुटाया जाता है.

अलग-अलग प्राइवेट एजेंसियां और टीवी चैनल्स एग्जिट पोल कराते हैं.