जानिए कैसे चुने जाते हैं
MOSSAD के एजेंट्स
इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद से लड़ना और सुरक्षा को सुनिश्चित करना है.
मोसाद की स्थापना 13 दिसंबर 1949 को प्रधानमंत्री डेविड बेन गूरियन की पहल पर हुई थी.
इसकी रिपोर्टिंग सीधे इजरायल के प्रधानमंत्री को होती है.
मोसाद के
एजेंट्स
को चुनने के लिए कड़ी भर्ती प्रक्रिया होती है, जिसमें टेस्ट, इंटरव्यू और बैकग्राउंड जांच शामिल है.
मोसाद से जुड़ने वाले अभ्यर्थियों को कठोर प्रशिक्षण से गुजरना पड़ता है,
जिसमें फील्ड ऑपरेशंस, इंटेलिजेंस गेदरिंग, और आत्मरक्षा का प्रशिक्षण शामिल होता है.
मोसाद की टीम अपनी कार्यप्रणाली में अत्यंत गुप्त और कुशल होती है.
इसके दो प्रमुख यूनिट्स, मेटसाडा और किडोन, विशेष रूप से गुप्त और कुशल ऑपरेशंस में शामिल होती हैं.