उज्जैन में समय की गणना का केंद्र खिसक गया है. समय गणना केंद्र गांव डोंगला की गोद में आ गया.

आज दोपहर 12 बजकर 28 मिनट पर छाया  छिप जाती है. विज्ञान इसे शून्य छाया बिंदु कहता है

डोंगला गांव से कर्क रेखा गुजरती है. खगोल विज्ञान, ज्योतिष विज्ञान की दृष्टि से गांव अहम है. 

रहस्य को विज्ञान की आंख से देखने के लिए वेधशाला, शून्य छाया दिवस एक अर्धवार्षिक घटना है. 

इसमें सूर्य ठीक सिर के ऊपर होता है. वस्तु की छाया ठीक उसके नीचे बनती है.

छाया कुछ मिनटों के लिए गायब हो जाती है. एक विशेष स्थान पर दिन में दो बार होता है

खगोलीय घटना को ऑब्जर्वेटरी से देखा जा सकता है. कर्क और मकर रेखा के बीच के क्षेत्रों में ऐसा होता है