संसद में कौन होता है Leader of Opposition, जानें इसकी शक्तियां
लीडर ऑफ अपोजिशन
विपक्ष में बैठने वाले नेता को कहा जाता है.
जिस दल के पास कुल सीटों का 10 फीसदी होता है, उसी दल के सांसद को विपक्ष का नेता चुना जाता है.
यदि विपक्ष के किसी भी दल के पास 10 फीसदी सीटें नहीं होती हैं, तो सदन में कोई विपक्ष का नेता नहीं होता.
नेता प्रतिपक्ष कई महत्वपूर्ण समितियों जैसे सार्वजनिक लेखा और चयन समितियों के सदस्य होते हैं.
ये समितियां ईडी, सीबीआई और केंद्रीय सूचना आयोग के प्रमुखों की नियुक्ति करती हैं.
2014 और 2019 में कांग्रेस को 10 फीसदी सीटें नहीं मिलने के कारण कोई नेता प्रतिपक्ष नहीं बन पाया था.
नेता प्रतिपक्ष को प्रति माह 3,30,000 रुपये सैलरी, कैबिनेट मंत्री के आवास के स्तर का बंगला मिलता है.