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आसिम मुनीर की फिर बढ़ी टेंशन, तालिबान और पाकिस्तान के उलेमाओं ने मिलाया हाथ! की भारत की तारीफ

Pakistan Ulema Asim Munir

फजलुर रहमान के बयान ने बढ़ाई आसिम मुनीर की टेंशन

Pakistan News: पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर की एक बार फिर परेशानियां बढ़ सकती हैं. क्योंकि पाकिस्तान के उलेमा और अफगानिस्तान को चलाने वाली तालिबान एक-दूसरे के साथ आने की कवायद शुरू कर दिए हैं. अगर ये दोनों एकसाथ आ गए तो पाक और अफगानिस्तान के बीच एक नया गुट तैयार हो जाएगा. यह ऐसा गुट है, जिसे पाकिस्तान की सच्चाई को दुनिया के सामने लाने में कोई परहेज नहीं है. कई बार पाकिस्तान आर्मी के खिलाफ बयानवाजी भी कर चुके हैं.

हाल ही में जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने कराची के ल्यारी में बैठकर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर पर निशाना साधा है. उन्होंने साफ कहा कि अगर अफगानिस्तान पर पाकिस्तान का हमला करना जायज है तो फिर भारत, पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंकियों पर हमला क्यों नहीं कर सकता. उनके बयान के बाद हलचल तेज हो गई है. तालिबान को यह बयान बिल्कुल भी पसंद नहीं आ रहा है.

PAK-अफगानिस्तान तनाव देश हित में नहीं

मौलाना फजलुर रहमान ने अपने भाषण के दौरान यह भी कहा था कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान तनाव किसी भी देश के हित में नहीं है. इसलिए ऐसे मुद्दों पर बातचीत कर के ही समाधान निकालने का प्रयास करना चाहिए. काबुल और इस्लामाबाद से बातचीत की सलाह देते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो इससे केवल और केवल इस्लाम विरोधी ताकतों को फायदा होगा.

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तालिबान शासन के आंतरिक मंत्री ने जताया आभार

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान शासन के आंतरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी ने रविवार को मौलाना फजलुर रहमान के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि अफगानिस्तान के प्रति अच्छे इरादे रखने वाले पाकिस्तान के सभी संगठनों और नेताओं- उलेमाओं को धन्यवाद देते हैं. मंत्री ने यह भी कहा कि अगर दोनों देशों के बीच सद्भावना, अच्छी बातचीत और सकारात्मक संबंध स्थापित होते हैं, तो हम इसके स्वागत के लिए तैयार हैं. उन्होंने यह बयानबाजी काबुल में हुए एक कार्यक्रम के दौरान की.

अफगान विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी ने कहा कि कुछ दिनों पहले प्रसिद्ध मदरसों और यूनिवर्सिटी और पूरे पाकिस्तान से धार्मिक आंदोलनों और पार्टियों के विद्वान कराची में एकजुट होकर जिस प्रकार से अपनी सरकार को सलाह दी है. हम उनका सम्मान करते हैं. उन्होंने शांति, भाईचारे और अच्छाई के लिए प्रयास किया.

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