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“दुनिया को 150 बार उड़ा सकते हैं हम”, अब किसे धमका रहे Donald Trump? परमाणु परीक्षण को लेकर कही ये बातें

Donald Trump On Nuclear Testing

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

Donald Trump On Nuclear Testing: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने परमाणु हथियारों की दुनिया में हलचल मचा दी है. 33 साल पुरानी ‘टेस्टिंग पर लगी रोक’ को खत्म करते हुए उन्होंने आदेश दिया है कि अमेरिका तुरंत परमाणु परीक्षण फिर शुरू करे. यह फैसला दक्षिण कोरिया के बुसान में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के ठीक बाद आया है. ट्रंप का कहना है, “जब रूस, चीन, उत्तर कोरिया और पाकिस्तान लगातार टेस्ट कर रहे हैं, तो अमेरिका अकेला पीछे क्यों रहे?”

रूस-चीन कर रहे टेस्टिंग तो मैं क्यों नहीं- ट्रंप

सीबीएस के शो में ट्रंप ने साफ-साफ कहा, “हमारे पास दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं. इतने कि पूरी दुनिया को 150 बार उड़ा सकते हैं. फिर भी हम अकेले टेस्टिंग नहीं कर रहे, यह गलत है.” उन्होंने रूस के ‘बुरेवेस्टनिक’ मिसाइल टेस्ट, उत्तर कोरिया के लगातार धमाकों और पाकिस्तान की ‘गुप्त टेस्टिंग’ का हवाला दिया. ट्रंप ने कहा, “रूस ने अनलिमिटेड रेंज वाली मिसाइल टेस्ट की. उत्तर कोरिया रोज धमाका कर रहा है. पाकिस्तान चुपके से टेस्ट करता है. वहां प्रेस नहीं है, इसलिए कोई नहीं जानता. हम क्यों रुकें?”

33 साल बाद टेस्टिंग करने जा रहा अमेरिका

अमेरिका ने आखिरी परमाणु विस्फोट टेस्ट 1992 में किया था. उसके बाद कंप्यूटर सिमुलेशन से काम चल रहा था. लेकिन अब ट्रंप ने रक्षा मंत्रालय को तुरंत तैयारी शुरू करने को कहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि असली विस्फोट टेस्ट शुरू होने में 18-36 महीने लग सकते हैं, क्योंकि नेवादा की टेस्ट साइट जर्जर हो चुकी है.

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ट्रंप का तर्क

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने परमाणु निरस्त्रीकरण की बात भी की. उन्होंने बताया कि वे पुतिन और शी से इस मुद्दे पर चर्चा कर चुके हैं. उन्होंने कहा, “हम तीनों मिलकर दुनिया को 150 बार उड़ा सकते हैं. यह पागलपन है. हमें कुछ करना चाहिए. लेकिन जब दूसरे देश टेस्ट कर रहे हैं, हम क्यों नहीं?”

भारत का नाम क्यों नहीं लिया?

ट्रंप ने भारत का जिक्र तक नहीं किया. सच यह है कि ट्रंप का फोकस रूस, चीन, उत्तर कोरिया और पाकिस्तान पर है. भारत ने अपना आखिरी टेस्ट 1998 में किया था और तब से शांत है. ट्रंप का यह कदम उनकी दूसरी पारी का पहला बड़ा ‘धमाका’ है. दुनिया अब देख रही है कि क्या यह सिर्फ दिखावा है या परमाणु युग की नई शुरुआत? ट्रंप भारत का जिक्र कर ट्रेड डील के रास्ते में रोड़ा नहीं बनना चाहते, एक वजह ये भी हो सकती है.

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