India- UK FTA: भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) के बीच 24 जुलाई 2025 को मुक्त व्यापार समझौता (FTA) हुआ है, जिसे व्यापक आर्थिक व्यापार समझौता (CETA) कहा जा रहा है. यह एक ऐसा समझौता है, जिसमें दोनों देश एक-दूसरे से आयात-निर्यात होने वाली चीजों पर टैक्स (टैरिफ) कम होंगे या खत्म हो जाएंगे, ताकि व्यापार आसान हो और दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को फायदा हो. यह डील भारत और UK के बीच व्यापार को बढ़ाने और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए है. आइए इसे विस्तार से समझते हैं.
व्यापार में वृद्धि: अभी भारत और UK के बीच सालाना व्यापार लगभग 21.34 बिलियन डॉलर (लगभग 1.8 लाख करोड़ रुपये) का है. इस डील के बाद 2030 तक यह व्यापार 120 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य है. 2040 तक दोनों देशों को 25.5 बिलियन पाउंड (लगभग 2.7 लाख करोड़ रुपये) का लाभ होने का अनुमान है.
टैरिफ में कमी: भारत के 99% निर्यात (जैसे कपड़ा, चमड़ा, गहने, बासमती चावल, मछली, फल-सब्जी) पर UK में कोई टैक्स नहीं लगेगा. पहले इन पर 4% से 70% तक टैक्स था. यूके के 90% निर्यात (जैसे व्हिस्की,कार, मेडिकल उपकरण) पर भारत में टैक्स कम होगा या खत्म होगा.
भारत को क्या मिलेगा?: कृषि और MSME को फायदा: किसानों को फल, सब्जी, बासमती चावल, मखाना, और समुद्री उत्पादों के निर्यात से लाभ होगा. छोटे उद्योगों (MSME) को कपड़ा, चमड़ा, और गहने बेचने का मौका मिलेगा.
रोजगार के अवसर: कपड़ा, चमड़ा, और गहने जैसे क्षेत्रों में नौकरियां बढ़ेंगी.
सेवा क्षेत्र: भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स, हेल्थकेयर कर्मी, और योग प्रशिक्षकों को UK में अस्थायी वीजा और 3 साल तक सामाजिक सुरक्षा अंशदान में छूट मिलेगी.
निर्यात में तेजी: भारत का UK को निर्यात 2023-24 में 12.9 बिलियन डॉलर था, जो अब और बढ़ेगा. यह 2030 तक भारत के 1 ट्रिलियन डॉलर निर्यात लक्ष्य में मदद करेगा.
UK को क्या मिलेगा?: UK की कंपनियों को भारत में 114 बिलियन डॉलर के बाजार में पहुंच मिलेगी. भारत में UK की व्हिस्की, बीयर, लग्जरी कारें, मेडिकल उपकरण, और एयरोस्पेस पार्ट्स सस्ते होंगे. यूके का भारत में निवेश (वर्तमान में 36 बिलियन डॉलर) बढ़ेगा, खासकर मैन्युफैक्चरिंग और इलेक्ट्रिक वाहनों में. यूके की अर्थव्यवस्था को इस डील से सालाना अरबों पाउंड की वृद्धि होगी.
किन चीजों पर असर?: सस्ती चीजें: भारत में UK की व्हिस्की, बीयर, बिस्किट, कॉस्मेटिक्स, और मेडिकल उपकरण सस्ते होंगे.
महंगी चीजें: कार, बाइक, और स्टील जैसी चीजें भारत में महंगी हो सकती हैं.
चिंताएं: कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि दवाओं के पेटेंट पर असर पड़ सकता है, जिससे सस्ती दवाएं मिलना मुश्किल हो सकता है.
किसे ज्यादा फायदा?
इससे भारत को ज्यादा फायदा होने की संभावना है क्योंकि UK में भारत के 99% निर्यात पर टैक्स खत्म होगा, जबकि UK के केवल 90% निर्यात पर भारत में टैक्स कम होगा. भारतीय किसानों, छोटे उद्योगों, और सेवा क्षेत्र को बड़ा बाजार मिलेगा. साथ ही, भारत ने अपने संवेदनशील क्षेत्रों (जैसे कृषि, डेयरी) को सुरक्षित रखा है. वहीं यूके को भारत जैसे बड़े बाजार में पहुंच मिलेगी, जो उसकी अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी है, खासकर जब अमेरिका के टैरिफ वॉर से वैश्विक व्यापार में अनिश्चितता है.
अन्य समझौतों पर एक नजर
भारत-ऑस्ट्रेलिया FTA:विशेषताएं: 2022 में हुआ यह समझौता भारत के लिए कृषि, रत्न-आभूषण, और चमड़ा निर्यात को बढ़ाता है. ऑस्ट्रेलिया को भारत में कोयला, शराब, और ऊन निर्यात का फायदा मिलता है.
आंकड़े: भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार 2023-24 में लगभग 24 बिलियन डॉलर था, जो 2030 तक 100 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है.
तुलना: भारत-UK डील ज्यादा व्यापक है, क्योंकि UK भारत का बड़ा व्यापारिक साझेदार है (21.34 बिलियन डॉलर बनाम ऑस्ट्रेलिया के 24 बिलियन डॉलर)। यूके डील में सेवा क्षेत्र और वीजा छूट जैसे अतिरिक्त लाभ हैं, जो ऑस्ट्रेलिया डील में कम हैं.
भारत-UAE FTA– विशेषताएं: 2022 में हुए इस समझौते से भारत के रत्न-आभूषण, कपड़ा, और फार्मास्यूटिकल्स निर्यात को फायदा हुआ. UAE को भारत में तेल और पेट्रोकेमिकल्स निर्यात का लाभ मिला.
आंकड़े: भारत-UAE व्यापार 2023-24 में 83 बिलियन डॉलर था, जो 2030 तक 100 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है.
तुलना: भारत-UK डील का दायरा UAE डील से बड़ा है, क्योंकि UK में भारत के निर्यात पर 99% टैक्स छूट है, जबकि UAE में यह 90% है. UK डील में सेवा क्षेत्र और रोजगार पर ज्यादा जोर है.
अमेरिका-UK ट्रेड डील– विशेषताएं: अमेरिका और UK के बीच अभी कोई औपचारिक FTA नहीं है। ट्रंप के टैरिफ वॉर के कारण दोनों देशों में व्यापार पर अनिश्चितता है.
आंकड़े: अमेरिका-UK व्यापार 2023-24 में लगभग 270 बिलियन डॉलर था, लेकिन टैरिफ और नीतिगत मतभेदों के कारण इसमें बाधाएं हैं.
तुलना: भारत-UK डील ज्यादा संरचित और फायदेमंद है, क्योंकि इसमें टैरिफ में भारी कटौती और सेवा क्षेत्र में अवसर है.अमेरिका-UK डील की अनुपस्थिति में भारत-UK डील UK की अर्थव्यवस्था के लिए “ऑक्सीजन” का काम कर रही है.
सस्ती चीजें: यूके से आने वाली व्हिस्की, बीयर, बिस्किट, और कॉस्मेटिक्स सस्ते होंगे, जिससे मध्यम वर्ग को फायदा होगा.
महंगी चीजें: कार, बाइक, और स्टील की चीजें महंगी हो सकती हैं, जिससे इनका इस्तेमाल करने वाले लोग प्रभावित हो सकते हैं.
दवाओं पर चिंता: सस्ती जेनेरिक दवाओं की उपलब्धता कम हो सकती है, जिससे गरीब और मध्यम वर्ग को दिक्कत हो सकती है.
किसानों और छोटे उद्यमियों के लिए: बासमती चावल, मखाना, केसर, और समुद्री उत्पादों के निर्यात से किसानों और मछुआरों की आय बढ़ेगी.
कपड़ा, चमड़ा, और गहने बनाने वाले छोटे उद्यमियों को UK में बड़ा बाजार मिलेगा, जिससे रोजगार बढ़ेगा.
युवाओं के लिए: आईटी, हेल्थकेयर, और योग प्रशिक्षकों को UK में काम करने के अवसर मिलेंगे. अस्थायी वीजा और सामाजिक सुरक्षा छूट से युवाओं को फायदा होगा.
राज्यों पर प्रभाव
जम्मू-कश्मीर: पश्मीना शॉल, केसर, बासमती चावल.
गुजरात: कपड़ा, हीरा, सेरामिक्स.
महाराष्ट्र: कोल्हापुरी चप्पल, आईटी सेवाएं.
पश्चिम बंगाल: दार्जिलिंग चाय, बल्लुचरी साड़ी.
कर्नाटक: चन्नापटना खिलौने.
