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बम-बारूद के ढेर पर मिडिल ईस्ट! अमेरिका ने जो जख्म दिए उस पर कैसे मरहम लगाएगा ईरान? जानें खामेनेई के पास क्या-क्या विकल्प

Iran Supreme Leader Khamenei

ईरान का खामेनेई

Iran Israel Conflict: मध्य पूर्व में इस समय भारी तनाव का माहौल है. कुछ दिनों पहले अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला कर दिया, जिसके बाद से पूरी दुनिया की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि ईरान अब क्या कदम उठाएगा. यह सिर्फ ईरान और अमेरिका का मामला नहीं है, बल्कि इससे पूरे क्षेत्र और दुनिया पर बड़ा असर पड़ सकता है.

अमेरिका ने क्यों किया हमला?

अमेरिका ने ईरान के फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान जैसे परमाणु ठिकानों पर हमला किया है. अमेरिका का कहना है कि यह हमला इसलिए ज़रूरी था ताकि ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोका जा सके. अमेरिका ने पहले ही चेतावनी दे दी थी कि अगर ईरान, इज़रायल पर हमला करता है, तो उसके ‘भयावह परिणाम’ होंगे.

ईरान ने दिया जवाब, लेकिन अब क्या?

अमेरिका के हमले के तुरंत बाद, ईरान ने इज़रायल पर जवाबी हमला किया. ईरान ने इजरायल के बड़े शहरों जैसे तेल अवीव और हाइफ़ा पर मिसाइलें और ड्रोन दागे. इस हमले में इजरायल के 11 नागरिक घायल हुए. अब सवाल यह है कि ईरान आगे क्या करेगा? उसके सामने बहुत मुश्किल विकल्प हैं.

ईरान के सामने क्या हैं विकल्प?

ईरान इजरायल पर और ज़्यादा और बड़े हमले कर सकता है. इसमें उनकी सबसे ताकतवर मिसाइलें भी इस्तेमाल हो सकती हैं. लेकिन, इजरायल के पास बहुत मज़बूत हवाई सुरक्षा है, और इजरायल भी पलटवार में ईरान को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है. इससे दोनों देशों के बीच और भी बड़ा युद्ध छिड़ने का खतरा है.

अमेरिकी ठिकानों पर हमला

ईरान मध्य पूर्व में मौजूद अमेरिकी सेना के ठिकानों या उनके हितों को निशाना बना सकता है. ईरान ने तो यहां तक कहा है कि अमेरिकी नागरिक और सेना उसके पहले लक्ष्य होंगे. अगर ईरान ऐसा करता है, तो अमेरिका के साथ सीधा युद्ध शुरू हो सकता है, जो ईरान के लिए बहुत भारी पड़ेगा. अमेरिका की सैन्य शक्ति ईरान से कहीं ज़्यादा है.

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परमाणु कार्यक्रम को तेज़ी से बढ़ाना

अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया है. अब ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को और तेज़ी से आगे बढ़ा सकता है, जिसमें यूरेनियम को हथियार बनाने लायक स्तर तक समृद्ध करना शामिल है. ऐसा करने से उस पर दुनिया भर से और ज़्यादा प्रतिबंध लगेंगे, और इजरायल या अमेरिका की तरफ से फिर से हमला हो सकता है.

शांत रहना और बातचीत करना

ईरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बैठक बुला चुका है और उसने अमेरिका के हमले को अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है. ईरान बातचीत के लिए तैयार होने की बात भी कर रहा है. लेकिन अगर ईरान चुप रहता है या कोई बड़ा जवाब नहीं देता है, तो देश के अंदर की जनता और नेताओं को यह पसंद नहीं आएगा. उन्हें लगेगा कि सरकार कमज़ोर पड़ गई है.

ईरान में अंदरूनी बगावत?

ईरान की सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती अपने देश के अंदर है. अगर ईरान अमेरिका के हमले का कोई कड़ा जवाब नहीं देता है, तो जनता में गुस्सा बढ़ सकता है और सरकार के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन या घरेलू विद्रोह हो सकता है. ईरान पहले से ही आर्थिक मुश्किलों और अंदरूनी विरोध का सामना कर रहा है. ऐसे में सरकार को अपनी जनता के सामने मज़बूत दिखना होगा.

फिलहाल, पूरी दुनिया की निगाहें ईरान पर हैं. ईरान का अगला कदम तय करेगा कि यह तनाव किस दिशा में जाएगा – क्या यह एक बड़े युद्ध में बदलेगा, या कोई और रास्ता निकलेगा.

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