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PM Modi का जापान में भव्य स्वागत, जानें इस यात्रा से कैसे मजबूत होंगे दोनों देशों के बीच संबंध

PM Modi in Japan

आठवीं जापान यात्रा पर टोक्यो पहुंचे पीएम मोदी

PM Modi in Japan: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जापान में भव्य स्वागत हुआ, जहां वे 15वें भारत-जापान शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे हैं. यह दो दिवसीय यात्रा दोनों देशों के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी को नई मजबूती देने के लिए काफी अहम है. इस दौरान दोनों देशों के बीच बुलेट ट्रेन, सेमीकंडक्टर, रक्षा सहयोग और सांस्कृतिक संबंधों पर होगी खास चर्चा होगी.

पीएम मोदी 29 अगस्त को टोक्यो के हानेडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे. यहां पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया गया. यह उनकी आठवीं जापान यात्रा है और जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ पहली शिखर बैठक है. यह दो दिवसीय यात्रा (29-30 अगस्त) 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करना है.

रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी

इस यात्रा का फोकस भारत और जापान के बीच रक्षा, सुरक्षा, व्यापार और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना है. दोनों देश 2006 से चली आ रही विशेष रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा करेंगे, जिसमें बुलेट ट्रेन परियोजनाएं, सेमीकंडक्टर, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस (AI), और स्वच्छ ऊर्जा जैसे क्षेत्र शामिल हैं. जापान अगले 10 वर्षों में भारत में 10 ट्रिलियन येन (लगभग 68 बिलियन डॉलर) के निजी निवेश की घोषणा करने की योजना बना रहा है, जो भारत की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहलों को बल देगा.

बुलेट ट्रेन और सेमीकंडक्टर पर जोर

पीएम मोदी और जापानी पीएम शिगेरु इशिबा सेंडाई में एक सेमीकंडक्टर कारखाने का दौरा करेंगे, जो सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए प्रसिद्ध है. दोनों नेता मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के अलावा भविष्य की बुलेट ट्रेन परियोजनाओं में जापान की भागीदारी पर भी चर्चा करेंगे. यह परियोजना जापान की शिनकान्सेन तकनीक और वित्तपोषण पर आधारित है.

रक्षा और सुरक्षा सहयोग

भारत और जापान के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए 2008 के सुरक्षा सहयोग घोषणापत्र को अपग्रेड किया जाएगा. दोनों देश मालाबार, जिमेक्स और धर्म गार्जियन जैसे संयुक्त सैन्य अभ्यासों में नियमित भाग लेते हैं. 2024 में यूनिकॉर्न नौसैनिक मस्तूल का सह-विकास इस दिशा में एक नया कदम है.

सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंध

भारत और जापान के बीच प्राचीन सांस्कृतिक संबंध, विशेष रूप से बौद्ध धर्म के माध्यम से, इस यात्रा का एक महत्वपूर्ण पहलू हैं. जापान के नारा शहर में टोदाईजी मंदिर में भगवान बुद्ध की प्रतिमा का अभिषेक 752 ईस्वी में भारतीय भिक्षु बोधिसेना ने किया था, जो दोनों देशों के सांस्कृतिक बंधन का प्रतीक है. इस यात्रा में सांस्कृतिक आदान-प्रदान को और बढ़ावा देने पर जोर रहेगा.

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वैश्विक और क्षेत्रीय महत्व

यह दौरा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 50% टैरिफ नीति के बीच हो रहा है, जिससे वैश्विक व्यापार में उथल-पुथल मची है. भारत और जापान, जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण साझेदार हैं, इस यात्रा के माध्यम से क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों, जैसे चीन की आक्रामकता और आर्थिक अनिश्चितताओं का सामना करने की रणनीति पर चर्चा करेंगे.

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