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शेख हसीना को फांसी की सजा, बांग्लादेश ट्रिब्यूनल ने हिंसा के लिए पूर्व PM को दोषी करार दिया

International Crime Tribunal hearing against former Bangladesh PM Sheikh Hasina

बांग्लादेश के पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को फांसी सजा

Sheikh Hasina Trial Update: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल (ICT) ने दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है. इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल की कार्रवाई शुरू हुई तो माना जा रहा था कि कोर्ट से बांग्लादेश की पूर्व पीएम को झटका लग सकता है. ट्रिब्यूनल ने माना कि शेख हसीना ने ही बम से हमले के आदेश दिए थे. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि तमाम सबूतों को देखने के बाद ये पाया गया है कि शेख हसीना ने मानवता के खिलाफ अपराध किया है. कोर्ट ने बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों की मौतों के लिए शेख हसीना को जिम्मेदार माना.

इस सुनवाई में जस्टिस गुलाम मुर्तजा की अगुआई में जस्टिस मोहम्मद शफीउल आलम महमूद और जस्टिस मोहम्मद मोहितुल हक एनाम चौधरी शामिल रहे. कोर्ट ने 400 पेजों के फैसले को 6 पार्ट में सुनाया.

शेख हसीना पर लगे हैं ये आरोप

सोमवार को कार्यवाही के दौरान इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल ने आरोपों को सार्वजनिक किया, जिसमें 14 जुलाई की प्रेस कॉन्फ्रेंस का हवाला देते हुए पढ़ा कि हसीना पर स्वतंत्रता सेनानियों और रजाकारों के वंशजों के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया गया है. इसके साथ ही फोन कॉल्स का भी उल्लेख किया है, जिसमें हसीना पर प्रदर्शनकारियों को फांसी पर लटका दो…जैसे निर्देश देने का आरोप है. वहीं शेख हसीना पर यह भी आरोप है कि पिछले साल छात्र आंदोलन के दौरान हेलीकॉप्टर, ड्रोन और घातक हथियारों के इस्तेमाल की अनुमति दी थी. इसके साथ ही सुरक्षा एजेंसियों को प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार, प्रताड़ित और मारने का भी आदेश दिया.

ट्र्रिब्यूनल ने तय किए ये आरोप

ट्र्रिब्यूनल ने शेख हसीना के खिलाफ अपने फैसले में पांच मुख्य आरोप तय किए. इसमें छात्र नेता अबू सैयद की कथित हत्या, सबूत मिटाने के लिए अशुलिया में शवों को जलाने का आदेश देना, ढाका में प्रदर्शनकारियों की बड़े पैमाने पर हत्या की योजना और उसका निर्देश, नागरिक समूहों पर गोलीबारी के लिए हेलीकॉप्टर और ड्रोन का इस्तेमाल अधिकृत करना और चांखारपुल में प्रदर्शनकारियों पर समन्वित हमलों की निगरानी करना शामिल है.

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शेख हसीना ने आरोपों को बताया गलत

शेख हसीना के खिलाफ कौन-कौन से सबूत मिले हैं, ये भी ट्रिब्यूनल ने बताया. सभी आरोपों को पढ़ने के बाद उसे रिकॉर्ड में रखा गया. इस मामले की सुनवाई के दौरान शेख हसीना कोर्ट में मौजूद नहीं थीं क्योंकि हिंसा के दौरान वह भागकर भारत आ गई थीं और यहीं पर शरण लिए हुए हैं. हसीना ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों पर सफाई देते हुए गलत बताया है और कहा है कि ट्रिब्यूनल फैसला दे दें, उन्हें कोई परवाह नहीं है.

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