Trump On Nobel Prize: इस साल का नोबल शांति पुरस्कार वेनेजुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना मचाडो को मिलने जा रहा है. वहीं, इस साल फिर से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को ये पुरस्कार नहीं मिला. इस पर ट्रंप का पहला रिएक्शन सामने आया है. उन्होंने कहा कि मैंने नहीं कहा कि ये मुझे दे दो. उन्होंने आगे कहा कि मैं खुश हूं क्योंकि मैंने लाखों लोगों की जान बचाई.
‘मैं उनकी हर तरह से मदद करता रहा हूं’
नोबल शांति पुरस्कार की घोषणा के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “जिस व्यक्ति को नोबेल पुरस्कार मिला है, उन्होंने आज मुझे फोन किया और कहा, ‘मैं इसे आपके सम्मान में स्वीकार कर रही हूं क्योंकि आप सचमुच इसके हकदार थे.’ हालांकि, मैंने यह नहीं कहा, ‘मुझे दे दो’ मुझे लगता है कि उन्होंने ऐसा किया होगा. मैं उनकी हर तरह से मदद करता रहा हूं. मैं खुश हूं क्योंकि मैंने लाखों लोगों की जान बचाई है.”
#WATCH अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा, "जिस व्यक्ति को नोबेल पुरस्कार मिला है, उसने आज मुझे फ़ोन किया और कहा, 'मैं इसे आपके सम्मान में स्वीकार कर रहा हूं क्योंकि आप सचमुच इसके हकदार थे'… हालांकि, मैंने यह नहीं कहा, 'मुझे दे दो'। मुझे लगता है कि उन्होंने ऐसा किया… pic.twitter.com/XyldjywuFZ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 10, 2025
कौन है मारिया कोरिना मचाडो?
मारिया कोरिना मचाडो, वेनेजुएला की विपक्षी नेता है. उन्हें देश में लोकतांत्रिक मूल्यों और मानवाधिकारों की रक्षा के सतत संघर्ष के लिए जाना जाता है. उन्हें अपने देश में लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने और तानाशाही के खिलाफ अभियान चलाने के लिए ये पुरस्कार मिला. मचाडो को पुरस्कार के रूप में मेडल और 1.2 मिलियन डॉलर की राशि दी जाएगी.
मचाडो का जन्म 7 अक्टूबर 1967 को वेनेजुएला की राजधानी काराकस में हुआ था. उनके पिता हेनरिक मचाडो प्रसिद्ध उद्योगपति थे और मां कोरिना पेरिस्का मनोवैज्ञानिक. उन्होंने एंड्रस बेलो कैथोलिक यूनिवर्सिटी से इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है. उन्होंने नौकरी की बजाय राजनीति और समाजसेवा को पेशे के रूप में चुना.
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ट्रंप को क्यों नहीं मिला पुरस्कार?
सारा खेल नोबल पुरस्कार के लिए नामांकन से जुड़ा हुआ है. दरअसल, साल 2025 के नोबल शांति पुरस्कार के लिए नामांकन सितंबर 2024 में ही शुरू हो गए थे. इसके लिए अंतिम तारीख 31 जनवरी 2025 थी. डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति के पद के लिए 20 जनवरी को शपथ ली थी. इस दौरान उन्हें किसी ने नॉमिनेट नहीं किया. यहीं वजह है कि उन्हें नोबल शांति पुरस्कार नहीं दिया गया.
