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ट्रंप का ‘टैरिफ बम’ अमेरिका पर ही फूटा, 6 देशों ने F-35 फाइटर जेट डील पर दिया झटका

असल की तारिख नीति के कारण कई देशों ने F-35 जेट की डील कैंसिल की.

ट्रंप की टैरिफ नीति के कारण कई देशों ने F-35 जेट की डील कैंसिल की.

F-35 fighter deal cancel: अमेरिका में लागू की गई नई टैरिफ नीति (tariff policy) अब उसके ही हथियार निर्यात (arms export) के लिए संकट बन गई है. 2025 में कम से कम छह देशों ने F-35 फाइटर जेट खरीदने की डील रद्द की या फिर समीक्षा के दायरे में ला दी है. इस बदलाव से अमेरिकी रक्षा उद्योग और उसके साझेदारों को भारी आर्थिक झटका लगा है.

F-35 फाइटर जेट डील से कौन-कौन देश पीछे हटे?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति के कारण कई देश F-35 फाइटर जेट डील से पीछे हट गए हैं. पुर्तगाल ने मार्च 2025 में 36 F-35 जेट खरीदने की योजना रद्द कर दी है. पुराने F-16 के स्थान पर इसे लेने की बजाय उसने यूरोपीय विकल्पों की ओर रुख किया.

वहीं स्विट्जरलैंड(Switzerland) ने अमेरिका से 9.1 बिलियन डॉलर की डील होती नहीं दिख रही है. दोनों देशों के बीच 36 जेटों का सौदा होना था. लेकिन अमेरिका के 39 प्रतिशत टैक्स (बाद में 15% किया गया) लगाने के बाद स्विस सांसदों और जनता में विरोध शुरू हुआ था. 42,000 लोगों ने सौदा रद्द करने की अपील की थी. जबकि स्पेन(Spain) ने 45–50 जेटों की डील तोड़ दी है. स्पेन अब यूरोपियन कॉम्बैट जेट या भविष्य के एयर सिस्टम्स (Future Combat Air System) की ओर देख रहा है. कनाडा(Canada) ने 72 जेटों की डील को रिव्यू में डाल दिया है. 16 जेट तो मिल चुके थे, लेकिन बढ़ती लागत और अमेरिका पर भरोसा घटने की वजह से आगे की डिलीवरी रोक दी गई है.

भारत ने भी रद्द की डील

भारत ने भी अमेरिका की प्रस्तावित F-35 जेट डील को पूरी तरह खारिज कर दिया. भारत अब अपनी रक्षा जरूरतों के लिए स्वदेशी उत्पादन (Make in India) और साझेदारी निर्माण पर जोर दे रहा है. अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत तक का टैरिफ लगा रखा है. जिसके कारण दोनों देशों के रिश्तों पर भी फर्क पड़ा था.

100 अरब डॉलर से ज्यादा का हो सकता है नुकसान

F-35 फाइटर जेट की रद्द डीलों और टैरिफ ड्रिवन क्लाइमेट (tariff-driven climate) के कारण अमेरिका को काफी नुकसान हो रहा है. अनुमान के मुताबिक F-35 प्रोग्राम को अब 100 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ सकता है.

इसके अलावा, जैसे-जैसे अमेरिकी फाइटर जेट की मांग घट रही है, अमेरिकी रक्षा कंपनियों जैसे लॉकहीड मार्टिन(Lockheed Martin) और उससे जुड़े उद्योगों को रोजगार और आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. कई सहयोगी देश अब यूरोप या अन्य जगहों से हथियार खरीदने की योजना बना रहे हैं.

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