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ट्रेड डील पर सस्पेंस, अब ब्रिक्स देशों पर 10% अतिरिक्त टैरिफ की धमकी…ट्रंप के रवैये से बढ़ सकती है भारत की टेंशन!

Donald Trump, pm modi

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पीएम मोदी

Donald Trump vs BRICS: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) टैरिफ लगाने को लेकर लगातार धमकी देते रहे हैं. वे साफ तौर पर कहते हैं कि अमेरिका इस मामले में किसी भी देश से समझौता नहीं करेगा. उनका कहना है कि जो जितना टैरिफ लगाएगा, हम उस देश पर उतना टैरिफ लगाएंगे. हालांकि, हाल ही में उन्होंने भारत और चीन के साथ ट्रेड डील पर सहमति बनने को लेकर ऐलान किया था. लेकिन, अब फिर ब्रिक्स देशों के साझा बयान के बाद उनकी ‘अतिरिक्त टैरिफ वाली’ धमकी चर्चा में है. ट्रंप ने धमकी देते हुए कहा है कि जो भी देश ‘अमेरिकी विरोधी’ नीतियों वाले ब्रिक्स के साथ खड़ा दिखेगा, वो उस पर 10 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाएंगे. इसमें कोई भी देश अपवाद नहीं होगा.

ब्रिक्स की खिलाफत करते रहे हैं ट्रंप

दरअसल, ब्रिक्स देशों ने 17वें सम्मेलन के दौरान साझा घोषणापत्र जारी किया है. माना जा रहा है कि ट्रंप ने इसके बाद ही ब्रिक्स देशों को धमकाया है. ट्रंप हमेशा से ब्रिक्स की खिलाफत करते रहे हैं और इसे ‘एंटी अमेरिका’ करार देने की कोशिश करते रहे हैं. ब्रिक्स में रूस, भारत, चीन के अलावा, ईरान, सऊदी अरब, यूएई, मिस्र, इंडोनेशिया जैसे देश शामिल हैं. हाल ही में ब्राजील में ब्रिक्स समिट हुआ था, जिसमें पीएम मोदी भी शामिल हुए थे.

भारत ने हमेशा से ही ब्रिक्स के मंच से बहुपक्षीयता और विकासशील देशों के लिए समावेशी व्यवस्था जैसी मांगों के लिए किया है. लेकिन, चीन और रूस के इस गुट में शामिल होने के कारण अमेरिका इसे ‘एंटी-अमेरिका’ करार देता है. ट्रंप बिक्स के वैकल्पिक मुद्रा व्यवस्था वाले प्रस्ताव का भी विरोध करते रहे हैं. उन्हें डर है कि इससे अमेरिकी डॉलर कमजोर होगा और दुनिया में यूएस की साख घटेगी. हालांकि, इस पर अभी फैसला नहीं हुआ है.

ब्रिक्स के बयान में ट्रंप या यूएस का जिक्र नहीं

ब्रिक्स के साझा बयान में सदस्य देशों ने “एकतरफा टैरिफ में वृद्धि के बारे में गंभीर चिंता” जाहिर करते हुए इसे वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बताया. हालांकि, इस दौरान न तो ट्रंप के नाम का जिक्र किया गया और न ही अमेरिका का ही कोई जिक्र आया. लेकिन साझा बयान के बाद ही ट्रंप की धमकी आ गई, जिसमें उन्होंने कहा ब्रिक्स के साझा बयान का जिक्र भी किया है.

भारत की टेंशन बढ़ सकती है

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका अगले कुछ दिनों में दर्जनों देशों को टैरिफ पत्र भेज सकता है. ट्रंप प्रशासन की ओर से हाई टैरिफ पर 90 दिनों की राहत 9 जुलाई को खत्म होने वाली है. ये अवधि खत्म होने के बाद ट्रंप कई देशों को टैरिफ लेटर भेजने वाले हैं. इस बीच, ट्रंप ने ब्रिक्स देशों को लेकर अतिरिक्त टैरिफ की जो धमकी दी है, वह भारत के लिए भी टेंशन की बात हो सकती है. भारत ब्रिक्स के संस्थापक सदस्यों में से एक है और अमेरिका का करीबी सहयोगी भी रहा है.

भारत-यूएस डील में फंसा पेंच

ट्रंप ने पिछले दिनों भारत-यूएस के बीच ट्रेड डील को लेकर सहमति बनने का ऐलान किया था. लेकिन अभी भी इसमें पेंच फंसा हुआ है. यूएस कृषि और डेयरी प्रोडक्ट्स के लिए टैरिफ कम करके भारतीय बाजार को खोलने की मांग कर रहा है, जबकि गेहूं-चावल और डेयरी को लेकर भारत अपने रुख पर कायम है. भारत इन दो सेक्टर्स में किसी भी तरह के समझौते के पक्ष में नहीं है.

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ट्रंप का बदलता रहा है रवैया

ट्रंप का हालिया दिनों में रवैया ऐसा रहा है कि कभी टैरिफ को लेकर, तो भी भारत-पाक सीजफायर को लेकर क्रेडिट लेने वाली बयानबाजी करते रहे हैं. हालांकि, भारत ने बार-बार अपना रुख साफ किया है कि भारत-पाक के बीच सीजफायर पाकिस्तान के डीजीएमओ की पहल पर हुआ था. लेकिन, ट्रंप इसे भी टैरिफ और कारोबार से जोड़ते रहे हैं और बयानबाजी करते रहे हैं. ट्रंप की तरफ से अगर ऐसे ही बयानबाजी जारी रहती है तो निश्चित तौर पर इसका असर कारोबार पर भी पड़ सकता है.

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