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ईरान को तबाह करने की दिन-रात धमकी देने वाले ट्रंप को अब चाहिए शांति का नोबेल? एक ही पोस्ट में 6 बार किया जिक्र

Donald Trump

डोनालंड ट्रंप, (राष्ट्रपति, अमेरिका )

Donald Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार दावा करते रहे हैं कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया संघर्ष के दौरान मध्यस्थता करते हुए सीजफायर कराने में अहम भूमिका निभाई थी. हालांकि, खुद पीएम मोदी ने ट्रंप से बातचीत के दौरान उनके दावे को खारिज किया था. इसके पहले भारत की तरफ से कई बार आधिकारिक तौर पर यह कहा जा चुका है कि सीजफायर पाकिस्तान की तरफ से गुजारिश के बाद किया गया. लेकिन, ट्रंप अपना राग अलापते रहे हैं. इस बीच अब ट्रंप दावा कर रहे हैं कि उन्होंने दुनियाभर में कई मोर्चों पर चली जंगों को रुकवाने में अहम भूमिका निभाई है. लेकिन फिर भी उन्हें नोबेल पुरस्कार नहीं मिल रहा है.

कुछ भी कर लूंं- नोबेल पुरस्कार नहीं मिलेगा- ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते दावा किया है कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान संघर्ष को रुकवाया, लेकिन फिर भी उन्हें नोबेल प्राइज नहीं मिलेगा. नोबेल प्राइज न मिलने का दर्द उनके पोस्ट से समझा जा सकता है, जब वे लिखते हैं- मैं कुछ भी कर लूं, लेकिन मुझे नोबेल प्राइज नहीं मिलेगा.”

अमेरिका की मध्यस्थता में डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो और रवांडा ने वॉशिंगटन डीसी में हिंसा खत्म करने के लिए एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इसका जिक्र करते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि चाहें वो कितनी कोशिशें कर लें, उनको नोबेल प्राइज नहीं मिलेगा. इतना ही नहीं.. इस पोस्ट में कुल 6 बार डोनाल्ड ट्रंप ने नोबेल प्राइज का जिक्र किया है.

ट्रंप ने भारत-पाक संघर्ष और रवाडा-कॉन्गो के बीच शांति समझौते के अलावा सर्बिया और कोसोवो के बीच के सीजफायर का जिक्र किया है और कहा कि इतना सब करने के बाद भी मुझे शांति का नोबेल प्राइज नहीं मिलेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति ने लिखा है, “मुझे मिस्र और इथियोपिया के बीच शांति बनाए रखने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा, मुझे मध्य पूर्व में अब्राहम समझौते करने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा.”

पाकिस्तान ने ट्रंप के नाम की सिफारिश की

अपने पोस्ट के आखिर में ट्रंप ने लिखा है, “चाहे मैं कुछ भी कर लूं, रूस-यूक्रेन हो या इजरायल-ईरान, नोबेल शांति पुरस्कार मुझे नहीं मिलेगा. लेकिन लोगों को सब पता है और मेरे लिए यही सबसे जरूरी यही है.” हालांकि, ट्रंप के इस ‘दर्द’ पर पाकिस्तान ने थोड़ा सा मरहम लगाने की कोशिश जरूर की है. पाकिस्तान ने औपचारिक रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति को 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के नाम की सिफ़ारिश की है. पाकिस्तान ने कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप को भारत और पाकिस्तान सीजफायर में उनकी भूमिका के लिए नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया जाना चाहिए.

ईरान-इजरायल युद्ध में यूएस के उतरने की धमकी भी दे चुके हैं ट्रंप

अब सवाल उठ रहा है कि इजरायल-ईरान के बीच जारी युद्ध के बीच ट्रंप कई बार अमेरिका के इसमें शामिल होने की धमकी दे चुके हैं और ईरान को तबाह करने की बात कर चुके हैं. ट्रंप ने ईरान से सरेंडर करने को भी कहा और धमकी दी कि, अगर ऐसा नहीं हुआ तो ईरान तबाह हो जाएगा. इजरायल का समर्थन करते हुए ट्रंप ने ईरान को परमाणु कार्यक्रम रोकने को कहा. हालांकि, ईरान पर फिलहाल ट्रंप की धमकियों का असर नहीं पड़ रहा है. इन सबके बीच, कई देशों के बीच शांति समझौता कराने का दावा करते हुए ट्रंप अब नोबेल पुरस्कार न मिलने पर कटाक्ष भी करते नजर आ रहे हैं.

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4 अमेरिकी राष्ट्रपतियों को मिल चुका है नोबेल पुरस्कार

नोबेल पुरस्कार की बात करें तो अब तक चार अमेरिकी राष्ट्रपतियों को ये सम्मान मिल चुका है. थियोडोर रूज़वेल्ट को 1901 में राष्ट्रपति मैकिनले की हत्या के बाद अमेरिका का राष्ट्रपति बनाया गया था. रूस-जापान युद्ध को ख़त्म कराने के लिए रूजवेल्ट को 1906 में नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था. इसके बाद वुडरो विल्सन को 1919 में राष्ट्र संघ की स्थापना में उनके प्रयासों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था. साल 2002 में अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति जिमी कार्टर को विश्व शांति, जलवायु परिवर्तन और मानवाधिकार के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया. इसके बाद 2009 में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा को अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और देशों के बीच सहयोग को मज़बूत करने के उनके प्रयासों के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

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