सड़क किनारे SIM खरीदने से पहले जान लें जरूरी बात, नहीं तो हो सकते हैं Fraud के शिकार
SIM Fraud: आपने भी सड़क किनारे लगी अस्थाई दुकान से सिम खरीदी है या खरीदने की सोच रहे हैं तो सावधान हो जाएं. ज्यादातर लोग सस्ती सिम और अच्छे ऑफर के चक्कर में इन काउंटर से सिम खरीद लेते हैं. इन सिम के जरिए आप बड़ी ठगी या धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं.
दरअसल, जब आप सिम खरीदते हैं तो काउंटर पर बैठा व्यक्ति आपकी आईडी और फोटो लेता है. आधे घंटे के भीतर सिम चालू करके भी दे देता है. असली खतरा यहीं से शुरू होता है. आपने जो अपनी आईडी दी है, उसका इस्तेमाल आगे और भी सिम को एक्टिवेट करने के लिए, किसी अपराध को अंजाम देने के लिए भी किया जा सकता है.
कैसे काम करता है ठगी का यह तरीका?
सड़क किनारे सिम बेचने वाले जालसाज दस्तावेजों की फोटो एक से ज्यादा बार खींच लेते हैं. इसके बाद इन दस्तावेजों के जरिए कई और सिम एक्टिवेट करते हैं. इन सिम से अलग-अलग पेमेंट एप्स जैसे फोन पे, गूगल पे और मोबिक्विक पर वॉलेट के जरिए ठगी को अंजाम देते हैं.
इसके बाद ये सिम साइबर ठगी चलाने वाले फर्जी कॉल सेंटर्स को बेच दिए जाते हैं. इस पूरे मामले में टेलिकॉम कंपनियों की लापरवाही भी सामने आती है. एक दिन में एक ही शख्स के नाम पर एक से ज्यादा नंबर कैसे एक्टिवेट हो सकते हैं?
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कैसे बचें इस फ्रॉड से?
- ऑफीशियल स्टोर से ही सिम खरीदें
- पहले से एक्टिवेट सिम ना खरीदें
- डॉक्यूमेंट की कॉपी पर मेंशन करें कि सिम खरीदने के लिए दे रहे हैं
- डॉक्यूमेंट की कॉपी पर दस्तखत भी करें
- सस्ती सिम और बड़े ऑफर्स के लालच में ना फंसे
- अगर आपके साथ फ्रॉड हुआ तो इसकी जानकारी तुरंत पुलिस और संबंधित अथॉरिटी को दें