Chhattisgarh: अंबिकापुर में 6 हजार किसानों को गन्ना बेचने के बाद भी नहीं मिले पैसे, बकाया देने के लिए कारखाना ले रहा 25 करोड़ का लोन
Chhattisgarh News: अंबिकापुर में गन्ना किसान पांच डिग्री तापमान में खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर हैं. दरअसल सूरजपुर जिले के पंपापुर में स्थित मां महामाया शक़्कर कारखाना में पंजीकृत 15 हजार से अधिक किसानों को गन्ना बेचने के लिए फैक्ट्री के बाहर पांच डिग्री तापमान में खुले आसमान के नीचे रात बीतानी पड़ रही है. यहां अक्सर फैक्ट्री की मशीन खराब रहती है, जिससे किसानों को घंटों इंतजार करना पड़ता है.जिसके चलते किसानों को गन्ना बेचने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं शक़्कर कारखाना प्रबंधन किसानों को गन्ने का भुगतान नहीं कर पा रहा है.करीब 6 हजार किसान गन्ना बेचने के बाद रुपये का इंतज़ार कर रहे हैं. किसानों का करीब 26 करोड़ रुपये बकाया है.
गन्ना किसानों को रुपये देने के लिए उनके पास पैसे नहीं
दरअसल, शक़्कर कारखाना में गन्ना खरीदी नवंबर में शुरू हुआ. इसके बाद 13 दिसम्बर तक गन्ना बेचने वाले करीब दो हजार किसानों को पांच करोड़ का भुगतान किया गया. इसके बाद जिन किसानों ने गन्ना बेचा है, वे रूपये का इंतज़ार कर रहे हैं. वहीं कारखाना के अफसरों का कहना हैं कि गन्ना किसानों को रुपये देने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं,क्योंकि केंद्र सरकार के डायरेक्टर आफ फूड एंड वेजिटेबल ने शक़्कर की बिक्री के लिए कोटा सिस्टम बना दिया है. इसके मुताबिक देश का कौन सा शक़्कर कारखाना किस माह कितनी शक़्कर सेल करेगा. इसकी अनुमति केंद्र से मिलती है. ऐसे में 10027 मैट्रिक टन शक़्कर कारखाना में पड़ा है, लेकिन वे बेच नहीं पा रहे हैं. अगर यह बिक जाता तो किसानों को करीब 3.30 करोड़ का भुगतान हो जाता.
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अब 25 करोड़ लोन लेने की तैयारी
वहीं, कारखाने के जीएम फाइनेस एनपी वर्मन ने बताया कि कारखाना घाटे में चल रहा है. उनका कहना है कि, हमें एक क्विंटल शक़्कर तैयार करने में 36 सौ रूपये लग रहा है,लेकिन हम उसे सरकार को पीडीएस सिस्टम में 33 सौ रूपये में बेच रहे हैं.इससे हर साल कारखाना को आठ करोड़ तक का नुकसान हो रहा है.इस पर हम हर साल राज्य सरकार से करीब 17 करोड़ रुपये नौ प्रतिशत ब्याज में लोन ले रहे हैं इसके बाद भी किसानों को भुगतान नहीं कर पा रहे हैं.अफसरों ने बताया कि,किसानों को गन्ना का बकाया पेमेंट कर सके इसके लिए केंद्र सरकार के नेशनल कापरेटिव डेवलपमेंट कारपोरेशन से 25 करोड़ लोन लेने की तैयारी की जा रही है ताकि,किसानों को बकाया रुपये का भुगतान किया जा सके.