Chhattisgarh: अचानकमार टाइगर रिजर्व में दिखा काला तेंदुआ, सामने आई तस्वीर

Chhattisgarh News: अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के दिन अचानकमार टाइगर रिजर्व यानी अतर से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है. वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इस जंगल में काला तेंदुआ दिखाई दिया है. आमतौर पर यह काला तेंदुआ सामान्य रूप से जंगलों में नहीं दिखता है, लेकिन अचानकमार टाइगर रिजर्व में यह दिखा है, जो बड़ी बात है. 
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Chhattisgarh News: अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के दिन अचानकमार टाइगर रिजर्व यानी अतर से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है. वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इस जंगल में काला तेंदुआ दिखाई दिया है. आमतौर पर यह काला तेंदुआ सामान्य रूप से जंगलों में नहीं दिखता है लेकिन अचानकमार टाइगर रिजर्व में यह दिखा है जो बड़ी बात है.

अचानकमार टाइगर रिजर्व में दिखा काला तेंदुआ

दूसरी तरफ जब विस्तार न्यूज़ ने वन विभाग के सीसीएफ यानी की कंजरवेटिव अधिकारी प्रभात मिश्रा से बात की है तो उन्होंने बताया है कि यह जंगली और काला तेंदुआ बिल्कुल आम तेंदुए की तरह ही है. कोई खास हो ऐसी कोई बात नहीं है क्योंकि जिस तरह इंसान के शरीर में जेनेटिकली कई तरह के दुष्परिणाम या परिणाम दिखते हैं इस तरह ही तेंदुओं के शरीर में भी जेनेटिक का काफी असर पड़ता है. उनके रहन-सहन से लेकर कई बातों पर उनके शरीर पर इसका असर देखने को मिलता है. अचानक मर टाइगर रिजर्व में जो तेंदुआ दिखा है वह भी एक तरह का आम तेंदुआ है जिसके शरीर में जेनेटिकली कुछ दूसरा असर पड़ गया है यही कारण है कि वह काला दिख रहा है. उन्होंने पुष्टि की है कि यह काला तेंदुआ अतर में दिखा है.

उन्होंने बाघ संरक्षण दिवस के दिन यह मैसेज दिया है कि जिस तरह मनुष्यों को अपना जीवन पसंद है इस तरह ही जंगली जानवरों को भी एकाकीपन पसंद है इसलिए लोग यदि चाहते हैं कि बाघों का संरक्षण होता रहे तो उन्हें जंगल के उन्हीं इलाकों से बचना होगा जहां पर शेर भालू बाग या अन्य जंगली जीवों की गतिविधियां होती है और यही कारण है कि उन्होंने विस्तार न्यूज़ के माध्यम से आम लोगों तक यह बात पहुंचाने की कोशिश की है कि जंगली जानवरों को प्रजनन और बाकी चीजों के लिए अकेला छोड़ दे तभी उनका कुनबा बढ़ेगा और लगातार उनका विकास भी होगा.

अतर में 10 बाघ होने की बात

अप्रैल में हुए फोर्थ फेस टाइगर सर्वे में अचानकमार टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़कर अब 10 हो गई है. जिसमे 3 मेल और 7 फीमेल टाइगर है. इससे पहले एटीआर में टाइगर सेंसस 2022 में बाघों की संख्या सिर्फ 5 थी. ग्रीष्मकालीन सर्वे के दौरान एटीआर में विलुप्त प्रजाति का मेलानिस्टिक लेपर्ड (ब्लैक पैंथर) का होने का भी पुष्टि हुई है.

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जताई जा रही संभावनाएं

ऐसा होने से अचानक मर टाइगर रिजर्व में इकोटूरिसम में वृद्धि होगी और अन्य देशों से आए सैलानियों व वन्यजीव प्रेमियो की संख्या बढ़ेगी. इससे जहां स्थानीय जनसमुदाय को अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे. वहीं वन्यजीव प्रेमियों, वानिकी के विद्यार्थियों और रिसर्च स्कॉलर्स के लिए एक बेहतर विकल्प राज्य में ही उपलब्ध हो पाएगा. उपसंचालक यू आर गणेश ने बताया कि बाघों की संख्या बढ़ने के पीछे एटीआर प्रबधन की कड़ी मेहनत और स्ट्रेटजी है. जिसमें एक ओर जहा रिजर्व के कोर और बफर क्षेत्र के 108 बीटो में नियक्त पैदल गार्ड और परिसर रक्षकों द्वारा जीपीएस बेस्ड एम-स्ट्राइप मोबाइल एप द्वारा प्रतिदिन 10 किमी की पेट्रोलिंग की जाती है. कैमरा ट्रैप दैनिक चेकिंग कर बाघों सहित अन्य जानवरों की सटीक निगरानी सुनिश्चित होती है. बाघों की विशेष निगरानी के लिए यहां एसटीपीएफ की टीम भी गठित है.

वन विभाग के पीसीएफ ने दी जानकारी

वन विभाग के पीसीएफ प्रभात मिश्रा का कहना है कि अचानकमार टाइगर रिजर्व में काला तेंदुआ दिखा है लेकिन यह कोई खास तेंदुआ नहीं है यह बिल्कुल आम तेंदुआ है. बाघ संरक्षण दिवस के दिन यह दिखाना अच्छी बात है और लोगों को यह समझना भी होगा कि वह उसे क्षेत्र में विचरण नहीं करें जिस क्षेत्र में जंगली जानवरों की गतिविधियां है इसे ही बाघ और बाकी जीवन का विकास होगा.

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