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Mahadev Betting App मामले में गिरफ्तारी वारंट रद्द कराने कोर्ट पहुंचा मुख्य आरोपी सौरभ चंद्राकर, 3 सितंबर को अगली सुनवाई

Saurabh Chandrakar(File Photo)

सौरभ चंद्राकर(File Photo)

Mahadev Betting App Case: महादेव सट्टा ऐप मामले में एक बार फिर बड़ा मोड़ आ गया है. इस हाईप्रोफाइल केस के मुख्य आरोपी सौरभ चंद्राकर ने गिरफ्तारी वारंट रद्द कराने के लिए रायपुर के ED की कोर्ट में आवेदन दिया है. दोनों ने अदालत से पेशकश की है कि वे तीन महीने के भीतर खुद पेश होंगे अगर उन्हें गिरफ्तारी वारंट कैंसिल कर पेश होने की मोहलत दी जाए.

3 सितंबर को ईडी की अदालत सुनाएगी फैसला

माना जा रहा है कि भारतीय जांच एजेंसियों की कड़ी कार्रवाई से बचने के लिए यह कदम उठाया गया है. अब इस पर अगला फैसला 3 सितंबर को ईडी की अदालत सुनाएगी. मामले में कानूनी पेंच कसते जा रहे हैं और महादेव सट्टा ऐप के सरगना हर तरह से बचने का रास्ता तलाशते नज़र आ रहे हैं.

ऑनलाइन सट्टा के जरिए हजारों करोड़ का कारोबार

सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल छत्तीसगढ़ से ताल्लुक रखते हैं और कुख्यात महादेव सट्टा ऐप के सरगना माने जाते हैं. सौरभ चंद्राकर मूल रूप से भिलाई का रहने वाला है. जिसने दुबई में अपनी शादी पर करोड़ों रुपये खर्च किए थे और बॉलीवुड सितारों को बुलाकर भव्य आयोजन किया था. इसी आयोजन के बाद प्रवर्तन निर्देशालय (ED) की नज़र उस पर और सख्त हो गई.

सौरभ पर आरोप है कि उसने ऑनलाइन सट्टा और जुए के जरिए हजारों करोड़ रुपये का हवाला कारोबार किया और काले धन को विदेशों में भेजा. दूसरी ओर, उसका करीबी सहयोगी रवि उप्पल महादेव ऐप का सह-संस्थापक है, जो तकनीकी ढांचा और नेटवर्किंग संचालन देखता था. माना जाता है कि सट्टा नेटवर्क के संचालन में रवि उप्पल की अहम भूमिका रही. दोनों के खिलाफ ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला ट्रांजैक्शन से जुड़े केस दर्ज किए हैं.

शादी में खर्च किए थे 200 करोड़

सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल का सबसे बड़ा कनेक्शन दुबई से जुड़ा हुआ है. दोनों ने महादेव सट्टा ऐप का पूरा नेटवर्क दुबई से ऑपरेट किया, ताकि भारतीय एजेंसियों की पकड़ से दूर रह सकें. दुबई में ही इनका मुख्य हेडक्वॉर्टर था, जहाँ से तकनीकी सर्वर, कॉल सेंटर और हवाला चैनल संचालित होते थे. सौरभ चंद्राकर ने दुबई में ही अपनी शादी का भव्य आयोजन किया था, जिसमें कथित तौर पर 200 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए गए और बॉलीवुड सितारों को परफ़ॉर्म करने के लिए बुलाया गया. इस शादी ने महादेव ऐप की कमाई और इनकी विदेशी पहुँच को उजागर कर दिया.

ऑनलाइन गेमिंग एप्‍स पर नया नियम लागू

केंद्र सरकार ने हाल ही में ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र को नियंत्रित और प्रोत्साहित करने के लिए “प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ ऑनलाइन गेमिंग बिल, 2025” संसद में पारित किया है. इस कानून का मुख्य उद्देश्य ऑनलाइन गेमिंग को एक संगठित ढांचा देना है. जिसमें ई-स्पोर्ट्स, शैक्षिक और सामाजिक गेम्स को बढ़ावा मिलेगा, जबकि रियल-मनी गेमिंग और ऑनलाइन सट्टेबाज़ी पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा.

इस कानून के तहत एक राष्ट्रीय ऑनलाइन गेमिंग प्राधिकरण का गठन किया गया है, जो गेमिंग कंपनियों को लाइसेंस जारी करेगा. उनकी गतिविधियों पर निगरानी रखेगा और उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा. इसके साथ ही, कंपनियों के लिए आयु और पहचान सत्यापन, समय सीमा, स्वयं-बहिष्करण (self-exclusion) और जिम्मेदार विज्ञापन जैसी शर्तें अनिवार्य कर दी गई हैं.

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नहीं किया नियम का पालन तो हो सकती ये कारवाही

कानून में दंडात्मक प्रावधान भी कड़े रखे गए हैं. यदि कोई कंपनी या व्यक्ति प्रतिबंधित गेमिंग या बेटिंग प्लेटफ़ॉर्म चलाता है तो उसे तीन साल तक की जेल और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. दोहराने पर सज़ा पाँच साल तक और जुर्माना दो करोड़ रुपये तक बढ़ाया जा सकता है. ऐसे क़यास हैं की महादेव सट्टा के मुख्य सरगना इससे भी भयभीत हैं. वहीं रेड कॉर्नर नोटिस समेत दुबई में इनपर केंद्रीय एजेंसियों का शिकंजा भी इन्हें भारत आने के लिए मजबूर कर रहा है.

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