CG News: छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन का मिशन तेज गति से चल रहा है. वहीं अब वामपंथी उग्रवाद के कब्जा किए हुए जिलों में से बस्तर जिला मुक्त हो चुका है. एक तरफ सरकार नक्सल मुक्त छत्तीसगढ़ बनाने का संकल्प दोहरा रही है. तो वहीं कांग्रेस ने बस्तर से युवाओं का पलायन होना बताया है. विकास पर चली ये सियासत पूरे प्रदेश में भड़क रही है.
लाल आतंक से मुक्त हुआ बस्तर
बस्तर अब नक्सल मुक्त हो गया है. केंद्र सरकार ने बस्तर को LWE जिले की सूची से बाहर कर दिया है. अब जहां नक्सली गांजा उगाते थे, वहां किसान खेती करेंगे. बस्तर को 1980 दशक से नक्सलियों का गढ़ माना जाता था. वहीं नक्सलमुक्त बनने से बस्तर के सामाजिक और आर्थिक जीवन में बदलाव देखने मिलेगा. इसके छत्तीसगढ़ में पहले जगदलपुर, कोंडागांव, राजनांदगांव, कवर्धा, खैरागढ़ – छुईखदान- गंडई भी नक्सल मुक्त जिले है.
CM साय ने दोहराया केंद्र सरकार का संकल्प
नक्सलियों के गढ़ से आजादी मिलना बस्तर के लिए राहत की सांस है. बस्तर और ओडिशा के सीमा पर जहां नक्सलियों के गांजे का व्यापार फल फूल रहा था.व हां अब बस्तर के किसान आसानी से खेती कर सकेंगे. कृषि, शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ विकास के दरवाजे खुलते दिखेंगे. नक्सल मुक्त बस्तर जिला बनने पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने केंद्र सरकार का संकल्प दोहराया है. वहीं आदिवासी नेता, पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने इसे निष्पक्षता से शांति बहाली करना बताया.
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भूपेश बघेल ने पलायन को लेकर उठाए सवाल
एक तरफ जहां बस्तर जिला लाल आतंक से मुक्त हो चुका है.वहीं दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बस्तर में पलायन का आरोप लगा रहे है. वह इस बात का भी जिक्र कर रहे है कि युवा गांव छोड़ अन्य राज्य जा रहे हैं.. यह बयान तब सामने आया जब नक्सलवाद के मुद्दे पर विपक्ष भी साथ खड़ा है, लेकिन बस्तर के अन्य मुद्दों पर विपक्ष लगातार सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज जहां जल, जंगल, जमीन और खनिज का मुद्दा लेकर पदयात्रा कर रहे है.तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बस्तर में पलायन का मुद्दा उठा रहे है. पलायन का कारण तेंदूपत्ता तोड़ाई ना होना बता रहे हैं.इसपर मंत्री रामविचार नेताम ने पलटवार करते हुए भूपेश बघेल को पलायनवादी नेता बताया. वहीं आगे कहा कि भाजपा सरकार में कोई पलायन नहीं कर रहा है.
बता दें कि बस्तर में नक्सलवाद के साथ ही कई बड़े मुद्दे है. जिन मुद्दों को लेकर अब कांग्रेस सीधे मैदान पर है.. जब कांग्रेस सत्ता में थी तब भाजपा पलायन का मुद्दा उठाती थी.. अब भाजपा का दावा है कि साल भर में ही पलायन रूक गया है. बहरहाल बस्तर जिले के नक्सलमुक्त होने पर सरकार अपने संकल्पों को दोहरा रही है वहीं पांचवीं अनुसूच क्षेत्रों का विकास होना बता रही है.
