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Bilaspur: सेंट्रल यूनिवर्सिटी में नमाज पढ़ाने के मामले में ABVP का प्रदर्शन, कुलपति को हटाने की उठाई मांग

Bilaspur

GGU में ABVP का प्रदर्शन

Bilaspur: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिला स्थित गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में हिंदू छात्रों को जबरदस्ती नमाज पढ़ाने का मामला सामने आया है. छात्रों का आरोप है कि NSS कैंप में हिंदू छात्रों से नमाज पढ़वाई गई. मामला सामने आते ही यूनिवर्सिटी में जमकर बवाल हुआ. वहीं इसे लेकर आज ABVP ने जमकर प्रदर्शन किया.

सेंट्रल यूनिवर्सिटी में नमाज पढ़ने को लेकर विवाद

कोटा के शिवतराई में 150 से अधिक हिंदू बच्चों को नमाज पढ़ाने के मामले में पूरी तरह से विवाद है. वे ABVP के अलावा हिंदू संगठन और विश्व हिंदू परिषद के निशाने पर है. संगठन यहां धरना दे रहा है कुलपति को हटाने की मांग कर रहा है और रजिस्ट्रार को बर्खास्त करने की बात कह रहा है. इस विवाद के बाद राष्ट्रीय स्वयं सेवा योजना के कोऑर्डिनेटर दिलीप झा को हटा दिया गया है लेकिन उनकी बनाई व्यवस्था बरकरार है.

यूनिवर्सिटी में कई असुविधाएं

इसी व्यवस्था के तहत कैंटीन कैंपस में बच्चों को स्वाभिमान थाली के तहत पिछले कई सालों से खाना परोसा जा रहा है लेकिन सबसे गंभीर बात यह है कि कैंटीन में ठीक तरह से गर्मी को दूर करने के इंतजाम तक नहीं है. टीन के शेड के नीचे बच्चे तपती गर्मी में झुलस्ते बच्चे घंटों लाइन में खड़े होकर स्वाभिमान थाली पा रहे हैं. दूसरी तरफ इसी व्यवस्था में राष्ट्रीय स्वयं सेवा योजना के पदाधिकारी इन बच्चों को भोजन भी परोस रहे हैं, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि आखिर सालों बाद भी यहां एक ठीक तरह से बच्चों के लिए कैंटीन की व्यवस्था क्यों नहीं हो पाई है क्योंकि यहां छत्तीसगढ़ के अलावा दूसरे देश और जिलों के बच्चे पढ़ाई करने आते हैं सुमित के साथ पीने जो है यहां बेहतर सुविधाएं मिलेंगी लेकिन भोजन पानी के अलावा हॉस्टल की व्यवस्थाएं भी ठीक नहीं है.

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गर्मी में लाइन में खड़े रहने को मजबूर छात्र

सेंट्रल यूनिवर्सिटी में भोजन की लाइन ऐसी है की कोई छतरी लेकर गर्मी से बचने के लिए खड़ा है तो कोई मुंह पर गमछा बांधे. कोई जिम्मेदार अधिकारियों को कोसते हुए तो कोई इस व्यवस्था में सुधार की बात कहते हुए. कुल मिलाकर दिक्कतों का अंबार है और इसी परेशानी के बीच बच्चे पढ़ाई लिखाई कर आगे बढ़ रहे हैं.

सेंट्रल यूनिवर्सिटी के व्यवस्था पिछले दो दिनों से बिगड़ी हुई है क्योंकि यहां एक बड़ा मामला सामने आ गया है. बुधवार को एक तरफ जहां प्रशासनिक भवन के सामने तमाम संगठन के लोग हो हंगामा कर रहे थे वहीं दूसरी तरफ इसी प्रशासनिक भवन के किनारे बच्चे भोजन की लाइन लगाए खड़े हुए थे. इन बच्चों को भोजन पानी के लिए दो तरह की लाइन में लगना पड़ रहा है पहली लाइन पैसे देने और खाने पीने के लिए टोकन कटाने की है और दूसरी लाइन भोजन पाने की. वे खुद कहते हैं कैंटीन बनना चाहिए और दिक्कत दूर होनी चाहिए.

कैंटीन के लिए तरस रहे छात्र

सबसे बड़ी बात यह है कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इन बच्चों की कैंटीन के लिए एक प्रस्ताव भेजा है जो कैंपस में स्थापित होना है लेकिन यह प्रकरण कहां अटका है यह कोई बताने को तैयार नहीं है कुलपति से लेकर रजिस्ट्रार और दूसरे अधिकारी भी जल्द व्यवस्था की बात कहकर मामले से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं। यही कारण है कि पिछले 10 साल से यहां पढ़ने वाले बच्चे कैंटीन की सुविधा के लिए तरस रहे हैं.

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