Bilaspur High Court News: हाई कोर्ट में तथ्य छिपाकर याचिका दायर करना याचिकाकर्ता को भारी पड़ गया है. याचिकाकर्ता पर मोटा जुर्माना लगाया गया है. कोविड काल में ट्यूशन फीस की छूट पाने के लिए याचिकाकर्ता ने याचिका दाखिल की थी. याचिकाकर्ता को अब डीपीएस स्कूल को पूरा भुगतान करना होगा.
हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर लगाया 15,000 का जुर्माना
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने कोविड-19 संक्रमण के दौरान आर्थिक संकट का हवाला देकर डीपीएस बालको स्कूल में पढ़ने वाली पुत्री की ट्यूशन फीस में छूट की मांग करने वाले याचिकाकर्ता पर बड़ी कार्यवाही की है. हाई कोर्ट ने उन पर तथ्यों को छिपाकर याचिका दायर करने का गंभीर आरोप मानते हुए 15,000 का जुर्माना लगाया है.
‘न्यायिक प्रक्रिया की पवित्रता को बनाए रखना अनिवार्य’- कोर्ट
जस्टिस संजय अग्रवाल के सिंगल बेंच ने आदेश में कहा कि न्यायिक प्रक्रिया की पवित्रता को बनाए रखना अनिवार्य है. झूठे तथ्यों के आधार पर दायर याचिकाएं न्यायालय के समय की बर्बादी हैं. कोर्ट ने यह भी कहा कि ऐसे प्रयासों से यदि सख्ती से नहीं निपटा गया, तो न्यायिक व्यवस्था कमजोर हो जाएगी.
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क्या है पूरा मामला?
कोरबा के बालको निवासी ईश्वरीलाल साहू ने याचिका दायर कर बताया कि वह कुमार कार्गो सॉल्यूशन में श्रमिक था. ये कंपनी बालको को सेवाएं देते हैं. उनके परिवार में वृद्ध व दिव्यांग पिता, माता, पत्नी और बेटी हैं. कोविड काल में आय सीमित होने की बात कहते हुए उन्होंने ट्यूशन फीस में छूट की मांग की थी. याचिकाकर्ता ने शिक्षा विभाग द्वारा कोविड काल में जारी निर्देशों का हवाला दिया, जिसमें आर्थिक रूप से प्रभावित अभिभावकों को राहत देने की बात कही गई थी.
