CG Liquor Scam: छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा 8 महीनों से जेल में बंद है. बिलासपुर स्थित छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने कवासी लखमा की जमानत याचिका खारिज कर दी है. सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित करने की आशंका के चलते यह याचिका खारिज की गई है.
कवासी लखमा की जमानत याचिका खारिज
3200 करोड़ के शराब घोटाला मामले में फंसे पूर्व आबकारी मंत्री कवासी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक बार फिर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने कवासी लखमा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि लखमा को जमानत मिलने के बाद सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को प्रभावित किया जा सकता है. ऐसे में गंभीर अपराध में उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती.
पहले भी खारिज हुई थी याचिका
इससे पहले भी जुलाई के महीने में कवासी लखमा ने जमानत के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने कहा था कि मामले की गंभीरता को देखते हुए जमानत नहीं दी जा सकती है.
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15 जनवरी से जेल में बंद
बता दें कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में कार्रवाई करते हुए ED ने 15 जनवरी 2025 को बड़ा एक्शन लिया था. ED की टीम ने इसी दिन कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था. तब से वह जेल में बंद हैं. उनके खिलाफ आरोप है कि 2019 से 2023 तक उन्होंने एफएल-10ए लाइसेंस नीति लागू की, जिससे अवैध शराब व्यापार को बढ़ावा मिला।
छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ में जब कांग्रेस की सरकार थी यानी साल 2018 से 2023 के बीच प्रदेश में करीब 3200 करोड़ से अधिक का शराब घोटाला हुआ है. इसे लेकर EOW ने चार्जशीट में जानकारी दी है कि इस घोटाले के पैसे से 11 आरोपी अधिकारियों ने अपने रिश्तेदारों के नाम करोडों की जमीन और दौलत भी खरीदी है. सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात ये है कि अभी तक EOW के मुताबिक इन्होंने पूरे शराब घोटाले में करीब 61 लाख अवैध पेटी शराब बिकवाकर 2174 करोड़ रुपए की चपत लगाई थी. लेकिन अब जब इन अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट पेश की गई तो पता चला कि यह घोटाला 2174 नहीं बल्कि 3200 करोड़ से अधिक का है.
